हिंदी और मानकीकरण के विविध संदर्भ
जब
किसी शब्द वाक्य प्रयोग के एक से अधिक रूप प्रचलित हो जाते हैं तो उनमें से किसी
एक रूप को मानक तथा दूसरे को अमानक घोषित कर दिया जाता है। यही प्रक्रिया मानकीकरण
की प्रक्रिया कहलाती है।
 भारत सरकार तथा उसके अंतर्गत वैज्ञानिक एवं
तकनीकी शब्दावली निर्माण आयोग द्वारा हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि का मानकीकरण
समय-समय पर किया जाता है। इस मानकीकरण के अनुसार निम्नलिखित प्रयोग अमानक हैं-
§  भाषाएं
§  कमियां
§  खाएं
§  खायिये
§  आयी
§  हिन्दी
§  पम्प
§  पण्डित
 इनकी जगह इन के निम्नलिखित रूपों को मानक माना
जाता है-
§  भाषाएँ
§  कमियाँ
§  खाएँ
§  खाइए
§  आई
§  हिंदी
§  पंप
§  पंडित
 2016 में प्रकाशित मानक हिंदी वर्तनी संबंधी
पुस्तिका को इस लिंक पर देख सकते हैं-
https://lgandlt.blogspot.com/2020/08/2016.html 
निम्नलिखित
लिंक पर ‘15.5.3 हिंदी का
मानकीकरण’ शीर्षक के अंतर्गत इससे संबंधित और
जानकारी प्राप्त की जा सकती है- 
 
 
 
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