प्रोक्ति विश्लेषण (Discourse Analysis) में अध्ययन के बिंदु
प्रोक्ति विश्लेषण भाषा में प्रोक्ति के स्वरूप
और इसके विविध पक्षों का अध्ययन करता है।
(1) प्रोक्ति क्या है?
वाक्यों का वह समूह जिससे किसी एक वस्तु, इकाई, व्यवस्था या घटना के बारे में संपूर्ण सूचना
मिलती है, ‘प्रोक्ति’ है। यह दो वाक्यों में, एक पैराग्राफ में, एक पृष्ठ में, एक पुस्तक में या कई खंडों के विशाल
समूह में किसी भी रूप में हो सकती है। कभी-कभी एक वाक्य भी प्रोक्ति का काम कर
सकता है।
प्रोक्ति उदाहरण-
कविता, कहानी,
लघुकथा, निबंध, नाटक, उपन्यास, दोहा, महाकाव्य आदि।
फिल्म, धारावाहिक, डाक्यूमेंट्री, समाचार आदि।
(2) प्रोक्ति के पक्ष
प्रोक्ति से तीन पक्ष
होते हैं- पाठ, संदर्भ और प्रकार्य। पाठ प्रोक्ति के कथ्य या पदार्थ
वाला हिस्सा है। वह वाचिक और लिखित दोनों प्रकार का हो सकता है। कोई भी पाठ जब
अपने संदर्भ के साथ जुड़ता है तो प्रोक्ति बन जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि ‘संदर्भ’ प्रोक्ति को पाठ से प्रोक्ति बनाने
वाला तत्व है। संदर्भ के बिना कोई भी पाठ वाक्यों का समुच्चय मात्र रह जाता है।
प्रोक्ति और संदर्भ के संबंध को सूत्र रूप में इस प्रकार से दिखा सकते हैं-
पाठ (वाचिक/लिखित) +
संदर्भ = प्रोक्ति
(3) वाक् घटना
(Speech Act)
(4)
प्रासंगिकता का सिद्धांत (Theory of Relevance)
(5) वार्ता के
सूक्त (Maxims of Conversation)
(6) सहकारिता
सिद्धांत (Cooperative Principle)
(7) वार्ता (Conversation)
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