कोशविज्ञान (Lexicology) :- यह शब्दों और शब्दकोशों के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है। यह अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की एक शाखा है। इसका संबंध कोश संबंधी समझ बनाने की सैद्धांतिक प्रक्रिया से है। इसका उद्देश्य कोश बनाना नहीं है बल्कि कोश बनाने के लिए किसी भाषा की शब्दावली और शब्दावली के साथ रखी जाने वाली सूचनाओं के सैद्धांतिक अध्ययन पर ध्यान देना है। किसी भाषा का शब्दकोश बनाने के लिए हमें उस भाषा की भाषिक संरचना, शब्दावली संरचना, शब्दों के प्रयोग और व्यवहार संबंधी सभी प्रमुख पक्षों का गहन ज्ञान आवश्यक होता है। इस क्रम में भाषा परंपरा का ज्ञान और संबंधित भाषा की शब्दकोश परंपरा का ज्ञान भी आवश्यक हो जाता है। भाषा का प्रयोक्ता मात्र होने से कोई व्यक्ति कोश नहीं बना सकता, उसे भाषा के सैद्धांतिकी की समझ भी होनी चाहिए। इस समझ विकास के लिए आवश्यक सैद्धांतिक काम कोशविज्ञान के अंतर्गत आता है ।
कोशनिर्माण (Lexicography) :- इसका संबंध शब्दकोशों के निर्माण की प्रायोगिक प्रक्रिया से है। इसे हिंदी में निम्नलिखित नामों से जाना जाता है- कोशनिर्माण, कोशकला, कोशशास्त्र। अंग्रेजी में इसे 'Lexicography' कहा गया है। इसे हम कोशविज्ञान के अनुप्रयुक्त पक्ष के रूप में भी समझ सकते हैं। इसके अंतर्गत सीधे-सीधे कोश बनाने का कार्य आता है। भाषाविज्ञान अथवा कोशविज्ञान पढ़ा हुआ व्यक्ति जब फील्ड में उतरकर सामग्री का संकलन करता है और उसमें से प्रविष्टियों का चयन करते हुए शब्दकोश निर्मित करता है, तो इसकी संपूर्ण प्रक्रिया कोश निर्माण प्रक्रिया कहलाती है ।
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