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Friday, July 15, 2022

प्रजनक व्याकरण और भाषा संबंधी शोध

 प्रजनक व्याकरण और भाषा संबंधी शोध 

रूपांतरक प्रजनन व्याकरण (Transformational generative grammar - TGG) में दो प्रक्रियाओं की बात की गई है, जिन्हें संपन्न करने के लिए दो प्रकार के नियमों की बात की जाती है - 

(क) प्रजनन (Generation)  

किसी भाषा में वाक्यों और पदबंधों के प्रजनन का काम प्रजनक नियम (generative rules) करते हैं। इन नियमों को  पदबंध संरचना नियम (Phrase structure rules)  भी कहते हैं। इनके दो वर्ग किए जा सकते हैं -

·       पदबंधों का निर्माण करने वाले प्रजनक नियम

इसके अंतर्गत पदबंध सांचे आते हैं। उदाहरण के लिए डॉ. धनजी प्रसाद द्वारा 'हिंदी का संगणकीय व्याकरण' (2019) में दिए गए संज्ञा पदबंध के कुछ साँचे इस प्रकार से देखे जा सकते हैं -

 

क्र.सं.

साँचा

उदाहरण

1

DEM

यह

2

PRN

मैं

3

PRI*

मुझे

4

NN

लड़का

5

PRI+NN

मेरा लड़का

6

DEM+NN

वह लड़का

7

JJ+ NN

अच्छा लड़का

8

NN+NNP

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

9

PRI+JJ+NN

मेरा अच्छा लड़का

10

PRI+NN+NNP

मेरा भाई सोहन

इसी प्रकार से किसी भाषा में विभिन्न प्रकार के पदबंधों (संज्ञा, विशेषण, क्रिया पदबंध आदि) की रचना करने वाले प्रजनक नियमों की खोज की जा सकती है । 

·        वाक्यों का निर्माण करने वाले प्रजनक नियम

इसके अंतर्गत वाक्य सांचे आते हैं। उदाहरण के लिए प्रो. सूरजभान सिंह 'हिंदी का वाक्यात्मक व्याकरण' (2000) में हिंदी के अनेक वाक्य सांचे दिए हैं, उनमें से दिए गए कुछ वाक्य साँचे इस प्रकार से देखे जा सकते हैं -



(ख) रूपांतरण (Transformation)  

प्रत्येक भाषा में प्रजनक नियमों के अलावा रूपांतरक नियम (transformational rules) भी होते हैं, जो किसी एक प्रकार की वाक्य रचना को दूसरे प्रकार की वाक्य रचना में बदल देते हैं। रूपांतरण नियमों द्वारा मूल वाक्यों को दूसरे प्रकार के वाक्यों में किए जाने वाले कुछ परिवर्तन इस लिंक पर देखे जा सकते हैं -

https://lgandlt.blogspot.com/2020/03/sentence-transformation.html 

चॉम्स्की ने रूपांतरण की अवधारणा को समझाने के लिए 'गहन संरचना' (Deep Structure) और 'बाह्य संरचना' (Surface Structure) की भी अवधारणा दी।

गहन संरचना

मोहन आम खाना

बाह्य संरचना /सतही वाक्य

मोहन आम खाता है 

मोहन आम खाता था 

मोहन आम खाएगा 

मोहन आम खाता होगा

मोहन आम खा रहा है 

मोहन आम खाया

 मोहन आम खा चुका है 

अतः प्रजनक व्याकरण के आधार पर पदबंध संंरचना नियम (Phrase Structure Rules) और रूपांतरण नियमों (Transformational Rules) की खोज की जा सकती है। इसी प्रकार जी.बी. सिद्धांत (GB Theory) के विविध पक्षों को आधार बनाते हुए भी किसी भाषा से संबंधित शोधकार्य किया जा सकता है।





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