वाच्य परिवर्तन
किसी एक वाच्य में
लिखे गए वाक्य का दूसरे प्रकार के वाच्य में परिवर्तन किया जा सकता है, जैसे-
(क)
कर्तृवाच्य → कर्मवाच्य
नियम: 1.
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में बदलने के लिए ‘कर्ता + द्वारा/के द्वारा’ लगाते हैं।
नियम: 2.
‘क्रिया’ में ‘धातुरूप + या + जा + सहायक क्रिया’ का
परिवर्तन करते हैं।
नियम: 3.
कर्मवाच्य वाक्य में ‘क्रिया’ की
अन्विति ‘कर्म’ के
साथ होती है।
नोट : ‘कर्म’ को
‘कर्ता के पहले’ या
‘कर्ता के बाद’ लिख
सकते हैं।
(1) लड़का गेंद फेंक रहा है। (कर्तृवाच्य)
लड़के द्वारा गेंद फेंकी जा रही है। (कर्मवाच्य)
गेंद लड़के द्वारा फेंकी जा रही है। (कर्मवाच्य)
(2) सुरेश कमरा साफ करता है। (कर्तृवाच्य)
सुरेश द्वारा कमरा साफ किया जाता है। (कर्मवाच्य)
कमरा सुरेश द्वारा साफ किया जाता है। (कर्मवाच्य)
(ख) कर्मवाच्य → कर्तृवाच्य
(1) लड़के द्वारा गेंद फेंकी जा रही है। (कर्मवाच्य)
लड़का गेंद फेंक रहा है। (कर्तृवाच्य)
(2) सुरेश द्वारा कमरा साफ किया जाता है। (कर्मवाच्य)
सुरेश कमरा साफ
करता है। (कर्तृवाच्य)
(ग) कर्तृवाच्य → भाववाच्य
नियम: 1.
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में बदलने के लिए ‘कर्ता + से’
लगाते हैं।
नियम: 2.
‘क्रिया’ में ‘भूतकालिकरूप + नहीं + जाता (± सहायक क्रिया)’ का
परिवर्तन करते हैं।
नियम: 3.
कर्मवाच्य वाक्य में ‘क्रिया’ की
अन्विति किसी से भी नहीं होती। वह अपने स्वतंत्र रूप (एकवचन, पुल्लिंग) में रहती है।
उदाहरण :
(1) मोहन पैदल चलता है। (कर्तृवाच्य)
मोहन से पैदल चला
नहीं जाता। (भाववाच्य)
(2) वह कल आराम से सोएगा। (कर्तृवाच्य)
उससे कल आराम से
सोया नहीं जाएगा। (भाववाच्य)
(घ) भाववाच्य → कर्तृवाच्य
(1) मोहन से पैदल चला नहीं जाता। (भाववाच्य)
मोहन पैदल चलता है।
(कर्तृवाच्य)
(2) उससे कल आराम से सोया नहीं जाएगा। (भाववाच्य)
वह कल आराम से
सोएगा। (कर्तृवाच्य)
अभ्यास :
(1) 05 कर्तृवाच्य
वाक्य लिखकर उन्हें कर्मवाच्य में परिवर्तित करें।
(2) 05 कर्मवाच्य
वाक्य लिखकर उन्हें कर्तृवाच्य में परिवर्तित करें।
(3) 05 कर्तृवाच्य
वाक्य लिखकर उन्हें भाववाच्य में परिवर्तित करें।
(4) 05 भाववाच्य
वाक्य लिखकर उन्हें कर्तृवाच्य में परिवर्तित करें।