समुच्चयबोधक (Conjunction)
समुच्चयबोधक वे शब्द होते हैं जो दो या अधिक शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ने का
कार्य करते हैं। इन्हें ‘अव्यय’ के अंतर्गत
रखा जाता है।
समुच्चयबोधक अव्ययों के प्रकार:
1.
संयोजक समुच्चयबोधक
(Coordinating Conjunctions) – समान स्तर के वाक्यांशों या वाक्यों
को जोड़ते हैं।
o उदाहरण: और, तथा, एवं, भी,
तथा, अथवा
o जैसे: राम और श्याम स्कूल जाते हैं।
2.
विकल्प सूचक समुच्चयबोधक
(Alternative Conjunctions) – विकल्प का बोध कराते हैं।
o उदाहरण: या, अथवा, नहीं तो
o जैसे: तुम पढ़ाई करो या खेलो।
3.
विरोध सूचक समुच्चयबोधक
(Adversative Conjunctions) – विपरीत विचार व्यक्त करते हैं।
o उदाहरण: परंतु, लेकिन, किंतु, मगर,
फिर भी
o जैसे: वह अमीर है, किंतु दयालु नहीं है।
4.
कारण दर्शाने वाले समुच्चयबोधक (Causal Conjunctions) – कारण प्रकट करते हैं।
o उदाहरण: क्योंकि, इसीलिए, चूंकि
o जैसे: वह बीमार था, इसलिए स्कूल नहीं गया।
5.
परिणाम सूचक समुच्चयबोधक
(Consequence Conjunctions) – किसी कार्य के परिणाम को प्रकट करते
हैं।
o उदाहरण: अतः, इस कारण, इसलिए
o जैसे: परीक्षा नजदीक है, अतः तैयारी करो।
6.
शर्त सूचक समुच्चयबोधक
(Conditional Conjunctions) – शर्त को व्यक्त करते हैं।
o उदाहरण: यदि, तो, जब, मानो
o जैसे: यदि तुम मेहनत करोगे, तो सफल हो जाओगे।