(हिंदीतर/विदेशी विद्यार्थियों के लिए संक्षेप में)
प्रत्यय (Suffix)
शब्दों के बाद में लगकर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश (part of word) प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण :
शब्द = शब्द + प्रत्यय
ज्ञानी = ज्ञान + ई
नगरीय = नगर + ईय
पाठक = पाठ + अक
मानवता = मानव + ता
बनावट = बन + आवट
अच्छाई = अच्छा + ई
हिंदी में विविध स्रोतों से प्रत्यय (Hindi Suffixes from various Sources)
हिंदी में प्रत्यय (Suffixes) कई स्रोतों से आए हैं: संस्कृत, प्राकृत/अपभ्रंश, फारसी–अरबी, और अंग्रेज़ी। नीचे इनको समूहवार दिया जा रहा है:
1. संस्कृत/प्राकृत मूल के प्रत्यय
ये हिंदी के सबसे प्राचीन और मूल प्रत्यय हैं। उदाहरण :
-पन/पन → बचपन, लड़कपन, अपनापन
-त्व → देवत्व, मित्रत्व
-मय (भरा हुआ) → सौंदर्यमय, ज्ञानमय
-शील (स्वभाव वाला) → कर्मशील, धर्मशील
-अन / -न → पठन, लेखन, गमन
2. अरबी/फारसी स्रोत के प्रत्यय
ये मध्यकालीन मुगलों के संपर्क से आए प्रत्यय हैं। उदाहरण :
-दार (धारक/रखने वाला) → ज़िम्मेदार, हक़दार, गुनहगार
-बाज़ (आसक्त/क्रीड़ा करने वाला) → कबूतरबाज़, चालबाज़
-गिरी (व्यवहार/पेशा) → नेतागिरी, दबंगई
-ख़ाना (स्थान) → किताबख़ाना, अस्पतालख़ाना
-अत / -इयत → इंसानियत, शराफ़त, हक़ीक़त
-उल्लाह / -ल्लाह (धार्मिक नामों में) → अब्दुल्लाह, हमदुल्लाह
3. अंग्रेज़ी स्रोत के प्रत्यय
आधुनिक काल में अंग्रेज़ी से सीधे हिंदी में आए प्रत्यय भी देखे जा सकते हैं। इनका प्रयोग अंग्रेजी शब्दों के साथ ही होता है। उदाहरण :
-इज़्म / -वाद → सोसलिज्म (समाजवाद), कैपिटलिज्म (पूँजीवाद)
-इस्ट / -वादी → फेमिनिस्ट (नारीवादी), कैपिटलिस्ट (पूँजीवादी)
-नेस / -ता / -पन → काइंडनेस (दयालुता), हैप्पीनेस (खुशी)
-शन / -करण → नेशनलाइज़ेशन (राष्ट्रीयकरण)
-लॉजी/-शास्त्र→ बायोलॉजी (जीवशास्त्र), सोशियोलॉजी (समाजशास्त्र)
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