(हिंदीतर/विदेशी विद्यार्थियों के लिए संक्षेप में)
मूल
शब्द (Root word)
वह शब्द जो किसी
उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास, पुनरुक्ति आदि द्वारा निर्मित नहीं होता,
मूल शब्द कहलाता है।
उदाहरण: लड़का,
घर, कमरा, लड़की, अच्छा, सुंदर, दूर, पास, क्या, तुम, में, है आदि।
निर्मित शब्द (Derived
word)
वह शब्द जो किसी
उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास, पुनरुक्ति आदि द्वारा निर्मित होता है,
निर्मित शब्द कहलाता है।
उदाहरण:
अज्ञान = अ + ज्ञान
लड़कपन = लड़का + पन
दूधवाला = दूध + वाला
माता पिता = माता +
पिता
अच्छाई = अच्छा + ई
सुंदरता = सुंदर + ता
आदेश = आ + देश
तुमसे = तुम + से
कौन-सा = कौन + सा
किसी शब्द में उपसर्ग,
प्रत्यय आदि जोड़े जाने की स्थिति में जो मूल शब्द होता है,
उसे मूलांश (Root part) कहते हैं।
उदाहरण के लिए 'अज्ञान' शब्द में 'ज्ञान' मूलांश है।
'सुंदरता' शब्द में 'सुंदर' मूलांश है।
….........
उपसर्ग (Prefix
)
शब्दों के पूर्व में
लगकर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश (part
of word) उपसर्ग कहलाते हैं।
उदाहरण :
शब्द =
उपसर्ग + शब्द
अज्ञान = अ + ज्ञान
विचार = वि + चार
परिवार = परि + वार
आदेश = आ + देश
अनुवाद = अनु + वाद
प्रदेश = प्र + देश
हिंदी में विविध
स्रोतों के उपसर्ग (Hindi
Prefixes from various Sources)
हिंदी के उपसर्ग
मुख्यतः संस्कृत, (प्राकृत/अपभ्रंश/देशज),
फारसी-अरबी और अंग्रेज़ी (विदेशी) स्रोतों से आए हैं। नीचे
इन्हें समूहवार दिया जा रहा है:
1. संस्कृत स्रोत के उपसर्ग
ये पारंपरिक
व्याकरणिक उपसर्ग हैं, जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं। उदाहरण :
अ- (नकारात्मक):
अशुद्ध, अज्ञान
अनु- (पीछे/अनुसार):
अनुसरण, अनुकरण
अधि- (ऊपर):
अधिकार, अधिभार
आ- (निकट/पूर्णता):
आगमन, आह्वान
उप- (पास,
निकट): उपकार, उपदेश, उपहार
सम्/सं- (साथ):
संपर्क, संस्कार
प्र- (आगे/प्रारंभ/भाग):
प्रवेश, प्रगति, प्रदेश
वि- (विभाजन,
भिन्नता): विचार, विवाद
दुर्/दुष्- (बुरा):
दुरुपयोग, दुष्कर्म
सु- (अच्छा,
शुभ): सुयोग, सुमन
निर्/नि- (बिना):
निराशा, निषेध
परि- (चारों ओर):
परिक्रमा, परीक्षा
अति- (अधिक):
अतिप्राचीन, अतिशय
2. अरबी/फारसी स्रोत के उपसर्ग
ये हिंदी में मध्यकाल
में मुगलों के संपर्क से आए हैं। उदाहरण :
बे- (बिना): बेदर्द,
बेरंग, बेकार
ला- (बिना): लाचार,
लापरवाह
ना- (नकार): नाकाबिल,
नाकाफी
हम- (साथ): हमनाम,
हमदर्द, हमसफर, हमराज
ख़ुद- (स्वयं):
ख़ुदमुख़्तार, ख़ुदकुशी
अल-
(विशेष/निर्दिष्ट): अलविदा, अलहदा
मु-/मौ-
(कर्ता/संबंध): मौलाना, मुफ्ती, मुकद्दर
3. अंग्रेज़ी स्रोत के उपसर्ग
अंग्रेज़ी के संपर्क
से भी कई उपसर्ग हिंदी में प्रचलित हुए हैं। इनका प्रयोग अंग्रेजी शब्दों के साथ
ही होता है। उदाहरण :
अन्-/इन-
(नकारात्मक): इनडायरेक्ट, अनफेयर
रि-/री- (पुनः):
रिटर्न, रीचार्ज
पोस्ट- (बाद में):
पोस्टमार्टम, पोस्टऑफिस
प्री- (पहले):
प्रीपेड, प्रीप्लान्ड
सब- (नीचे): सबवे,
सबस्टेशन
सुपर- (ऊपर,
श्रेष्ठ): सुपरमैन,
सुपरपावर
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प्रत्यय (Suffix)
शब्दों के बाद में
लगकर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश (part
of word) प्रत्यय कहलाते हैं।
उदाहरण :
शब्द = शब्द +
प्रत्यय
ज्ञानी = ज्ञान + ई
नगरीय = नगर + ईय
पाठक = पाठ + अक
मानवता = मानव + ता
बनावट = बन + आवट
अच्छाई = अच्छा + ई
हिंदी में विविध
स्रोतों के प्रत्यय (Hindi
Suffixes from various Sources)
हिंदी में प्रत्यय (Suffixes)
कई स्रोतों से आए हैं: संस्कृत,
प्राकृत/अपभ्रंश, फारसी–अरबी, और अंग्रेज़ी। नीचे इनको समूहवार दिया जा रहा है:
1. संस्कृत/प्राकृत मूल के प्रत्यय
ये हिंदी के सबसे
प्राचीन और मूल प्रत्यय हैं। उदाहरण :
-पन/पन → बचपन, लड़कपन, अपनापन
-त्व → देवत्व, मित्रत्व
-मय (भरा हुआ) → सौंदर्यमय, ज्ञानमय
-शील (स्वभाव वाला) →
कर्मशील, धर्मशील
-अन / -न → पठन, लेखन, गमन
2. अरबी/फारसी स्रोत के प्रत्यय
ये मध्यकालीन मुगलों
के संपर्क से आए प्रत्यय हैं। उदाहरण :
-दार (धारक/रखने वाला) →
ज़िम्मेदार, हक़दार, गुनहगार
-बाज़ (आसक्त/क्रीड़ा करने वाला) →
कबूतरबाज़, चालबाज़
-गिरी (व्यवहार/पेशा) →
नेतागिरी, दबंगई
-ख़ाना (स्थान) → किताबख़ाना, अस्पतालख़ाना
-अत / -इयत → इंसानियत, शराफ़त, हक़ीक़त
-उल्लाह / -ल्लाह (धार्मिक नामों में) →
अब्दुल्लाह, हमदुल्लाह
3. अंग्रेज़ी स्रोत के प्रत्यय
आधुनिक काल में अंग्रेज़ी
से सीधे हिंदी में आए प्रत्यय भी देखे जा सकते हैं। इनका प्रयोग अंग्रेजी शब्दों
के साथ ही होता है। उदाहरण :
-इज़्म / -वाद → सोसलिज्म (समाजवाद),
कैपिटलिज्म (पूँजीवाद)
-इस्ट / -वादी → फेमिनिस्ट (नारीवादी),
कैपिटलिस्ट (पूँजीवादी)
-नेस / -ता / -पन → काइंडनेस (दयालुता),
हैप्पीनेस (खुशी)
-शन / -करण → नेशनलाइज़ेशन (राष्ट्रीयकरण)
-लॉजी/-शास्त्र→ बायोलॉजी (जीवशास्त्र),
सोशियोलॉजी (समाजशास्त्र)
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