वर्तनी जाँचक : सुझाव
प्रस्तुति
किसी
भाषा के लेखन या टंकण में होने वाली वर्तनी संबंधी त्रुटियों का परीक्षण करने वाली
प्रणाली वर्तनी जाँचक है। वर्तनी की त्रुटि शब्द और शब्दरूप (पद) के सही लेखन या टंकण
से संबंधित है।
वर्तनी
जाँचक में त्रुटिपूर्ण शब्दों की पहचान करना अपेक्षाकृत सरल कार्य है। यदि प्रणाली
डाटाबेस आधारित है तो संबंधित भाषा के शब्द डाटाबेस में संग्रहीत कर दिए जाते हैं और
यदि पाठ का इनपुट मिलने पर उसके सभी शब्दों का डाटाबेस के शब्दों से मिलान किया जाता
है और जो शब्द नहीं प्राप्त होते हैं उन्हें त्रुटिपूर्ण शब्द के रूप में प्रदर्शित
किया जाता है।
सुझाव
प्रस्तुति अपेक्षाकृत एक कठिन प्रक्रिया है। इसके लिए सर्वप्रथम यह ज्ञात करना होता
है कि लेखन या टंकण कर रहे व्यक्ति से किस प्रकार की त्रुटियाँ हो सकती हैं। सामान्यतः
चार प्रकार की त्रुटियों की संभावना रहती है-
(1) क्रम परिवर्तन
लेखन या टंकण कर रहा व्यक्ति जल्दीबाजी में शब्द के अंदर वर्णों
का क्रम बदल देता है और गलत शब्द टंकित कर देता है, जैसे-
चलना = लचना
कटहल = कहटल
(2) वर्ण-परिवर्तन
जब एक वर्ण की जगह कोई दूसरा वर्ण टंकित हो जाए और शब्द गलत
हो जाए, जैसे-
(क) स्वर परिवर्तन-
कीटनाशक = किटनाशक
कुलदेवता = कूलदेवता
(ख) व्यंजन परिवर्तन
फसल = पसल
घर = गर
(3) वर्णलोप- जब कोई वर्ण छूट जाए, जैसे-
(क) स्वर लोप-
कीटनाशक = कटनाशक
कुलदेवता = कुलदवता
(ख) व्यंजन लोप-
सामाजीकरण = सामाजीकण
भारतीय = भातीय
(4) वर्णागम- किसी अनावश्यक वर्ण टंकित हो जाना, जैसे-
भारतीय = भारातीय
भारतीय = भारतीया
अतः वर्तनी जाँचक का निर्माण करते समय इन सभी प्रकार की संभावित
त्रुटियों के आधार पर सुझाव प्रस्तुत करने के नियम दिए जाने चाहिए।
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