सोनू नरेंद्र नाखले द्वारा एम.फिल – 2018-19 में प्रैक्टिकम के अंतर्गत निर्मित डाटाबेस-
श्वासनली
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Trachea
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यह फेफड़ों से कंठ-पर्यंत एक लंबी नली है। इसमें फेफड़ों से निर्गत होनेवाली वायु मुख-विवर में पहुँच जाती है। |
श्रवनात्मक
ध्वनिविज्ञान |
Auditory
phonetics |
इस विभाग में ध्वनि-तरंगों
को यंत्रों की सहयता से नापकर ध्वन्यात्मक तत्वों का विचार किया जाता है।
यह भौतिक शस्त्र का एक अंग है। |
वर्णनात्मक भाषा-तत्व
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Descriptive
language element |
कीसी जीवित भाषा के प्रचलित
रूप के अध्ययन के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
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मनोध्वनि विज्ञान
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Psycho-phonetics
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मनोध्वनि विज्ञान व्यक्तिगत परिवर्तन के लिए एक अभूतपूर्व चिकित्सीय मनोविज्ञान और स्वयं
सहायता का कार्य है।
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प्रबलता
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Loudness
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फेफड़ों से आने वाली वायु
की मात्रा ध्वनि की प्रबलता को निर्धारित करती है| ध्वनि की प्रबलता कानों के लिए संवेदनशीलता की
माप है| इसे मापने के लिए डेसिबल(db) मात्रक का प्रयोग किया जाया है|
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अनुनाद
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Resonance
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यदि ध्वनि तरंग के आयाम
को किसी बाह्य बल का प्रयोग कर के बढ़ा दिया जाए परन्तु ध्वनि तरंग की आवृत्ति
निश्चित हो तो उस प्रक्रिया को अनुनाद कहते हैं|
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अनुनाद विकार
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Resonance
disorder |
स्वन उत्पादन के समय वेलोफेरीन्जियल(velopharyngeal) वाल्व का सही
ढंग से बंद न होना अनुनाद विकार कहा जाता है|
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स्नायविक
भाषाविज्ञान |
Neurolinguistics
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स्नायविक भाषाविज्ञान में
मानवीय भाषा विकास एवं प्रयोग के तंत्रिकावैज्ञानिक आधारों का अध्ययन किया जाता
है।
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विकासात्मक
मनोभाषाविज्ञान |
Developemental psycho
linguistics |
इसके अंतर्गत प्रथम भाषा
एवं द्वितीय भाषा अधिगम से जुड़े विविध पक्षों का अध्ययन-विश्लेषण किया जाता है।
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अनुप्रयुक्त
मनोभाषाविज्ञान |
Applied psycho
linguistics |
वाचाघात,अपठन,व्याकरण
विकास
आदि भाषिक रोगों के लक्षण, कारण एवं निवारण से संबन्धित विवेचन इस वर्ग के अंतर्गत किया जाता है। |
भाषा अर्जन
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Language
acquistition |
भाषा सीखने के महत्वपूर्ण
मनोवैज्ञानिक पक्ष को भाषा अर्जन कहते है। इसके दो पक्ष है एक प्रथम भाषा अर्जन और विदेशी या द्वितीय भाषा अर्जन |
भाषिक रोग
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Language
disorder |
भाषिक रोग से तात्पर्य उन
व्याधियों से है जो व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक प्रक्रिया में उत्पन्न विकारों के कारण उसके भाषिक व्यवहार को विभिन्न रूपों में विकृत कर देती है।जैसे वाक्य निर्माण,श्रवण और बोधन आदि |
वाचाघात
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Aphabia
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मानसिक आघात के कारण जब
व्यक्ति के बोलने में दोष आ जाए तो उसे वाचाघात कहते है। |
वाग्दोष
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Speech
disorder |
ध्वनि उच्चारण अंगों में
जन्म
से दोष होने पर या दुर्घटनावश लगी चोट के कारण या कभी-कभी कतिपय मनोवैज्ञानिक कारणों से बोलने में दोष आते है। |
भाषा कौशल्य
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language skills
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मनुष्य अपने विचारों के
आधान प्रदान के हेतु भाषा के लिखित और मौखिक दोनों रूपो का प्रयोग करता है। जैसे-सुनना,बोलना, पढ़ना
लिखना आदि ।
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आगम
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Augment
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जब किसी शब्द मे ध्वनि का
नया प्रयोग होता है, तो उसे
आगम कहते है।
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लोप
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omission
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भाषा प्रवाह में तीव्रता
अथवा मुखसूख के कारण शब्द के आदि, मध्य,अंत के स्वर अथवा
व्यंजन का लोप हो जाता है।
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विपर्ह
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Metathesis
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जब किसी शब्द के स्वर व्यंजन
या व्यंजन स्वर या विभिन्न अक्षर एक दूसरे के स्थान पर
प्रयुक्त होते है तो उसे विपर्ह कहते है। जैसे कुछ -कछु पागल=पगला आदि।
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समीकरण
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Assimilation
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इसमें एक ध्वनि दूसरी ध्वनि
को प्रभावित कर अपना रूप देती है। जैसे- जुल्म = जुलुम ,हुक्म=हुकुम,धम्म =धर्म ,नील=लील आदि।
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विषमीकरण
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Dissimilation
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इसमें दो एक-समान ध्वनियों
में से एक ध्वनि किसी समान ध्वनि के प्रभाव से आपण अस्वरूप छोड़कर दूसरी बन जाती
है। जैसे-कंकड़ =कंगन ,कक=काग,तिलक=टिकुली,पुरुष=पूरिस आदि।
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मात्रा भेद
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इसमें स्वर कभी ह्र्स्व
से दीर्घ या कभी दीर्घ से ह्र्स्व हो जाते है। जैसे-हरिण=हिरना ,पाताल=पताल,आभीर=अहीर आदि।
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समाक्षर लोप
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Hyplology
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जब किसी शब्द में एक ही
ध्वनि या एक ही अक्षर या अक्षर समूह दो बार आए तो एक का लोप हो जाता है ,उसे समाक्षर लोप कहते है। जैसे-
नाक काटा= नकटा,खरीददार=खरीदार,part time=partime आदि।
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कृत्रिम तालु
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palatograph
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यह वास्तव में धातु से बना
कृत्रिम तालु है जिसे दंत्य चिकित्सक ध्वनि के परीक्षण करने वाले व्यक्ति के तालु
के आकार का बना देते है।
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मुख मापक
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head measure-ment
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इसकी सहायता से ध्वनि के उच्चारण के समय जीभ की ऊँचाई-नीचाई या पीछे हटना ठीक-ठीक से मापा
जाता है।
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सादृश्य
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similarity
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जब कुछ शब्द दूसरे शब्द
के सादृश्य पर अपनी ध्वनियाँ बदल देते है। जैसे-पैंतीस-सैंतीस।
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डाटा आधारित शुद्धता
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database correctness
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इसके अंतर्गत भाषा वैज्ञानिक
गलतियाँ एवं उनके अनुसार अशुद्धता को सही करने का करी करते है। जैसे-लेखन
अशुद्धता,तकनीकी
अशुद्धता,अन्य अशुद्धता आदि।
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संरचना
द्वैत/व्दिपक्षयता
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Duality/structure
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इनका निर्माण एक ओर कुछ
निश्चित स्वनों/ध्वनियों से होता है वहाँ दूसरी ओर ये इकाइयां विशिष्ट अर्थ को
प्रकट करती है।जैसे-कमल और कलम
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अनुप्रयुक्त
भाषाविज्ञान
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Applied linguistics
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अनुप्रयुक्त
भाषाविज्ञान का मुख्य लक्ष भाषावैज्ञानिक सिद्धांतों एवं प्रणाली के अनुप्रयोग
व्दारा उन भाषायी समस्याओं का पता लगाना और उनका समाधान ढूँढना होता है।
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मूल भाषा
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Proto speech
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यह भाषा का वह प्राथमिक
स्वरूप है जो स्वयं को किसी से प्रसूत नहीं होता अपितु वह दूसरों को ही प्रसूत
करता है। जैसे-भारोपीय परिवार की अनेक भाषाओं को जन्म देने वाली भारोपीय भाषा
एसका उदाहरण है।
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बोधगम्यता
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palpability/comprehensibility
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यह वह तत्व है जो हमें भाषा
की विभिन्न बोलियों को एक समूह में प्रस्तुत करने या उन्हें अलग रखने में सहयता
देता है।
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अर्धसंकर भाषा
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Pidgin
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यहाँ भाषा प्रमुख रहती है
एवं अन्य भाषा के शब्द उसमें मिलते हैं,उनकें व्याकरणिक रूपों के अनुरूप ढलते भी हैं और
नये व्याकरणिक स्वरूपों की निर्मिति भी करते हैं।
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संकर भाषा
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Creole
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दो भिन्न भाषा समुदायों
के व्यक्ति किसी कारणवश एक भाषा समुदाय के मध्य किन्हीं निश्चित सीमाओं में
बंधकार मिश्रित भाषा का प्रयोग कराते हैं, तो वह भाषा संकर कहलाती है।
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भाषा नव प्रवर्तन
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Dialect Innovation
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प्राचीन रूपों के साथ जब
कोई नयी प्रवृत्ति आ जाती है,जिसके फलस्वरूप पुराने रूपों के साथ नवीन रूप भी प्रचलित हो जाते हैं।
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विजेता बोली
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Colonial dialect
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इस बोली का प्रसार साम्राज्य-विस्तार
के साथ होता है।
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द्विभाषिता
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Bilingualism
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जब कोई व्यक्ति विदेशी या
देशी भाषा सीखा लेने पर भी मातृभाषा के ज्ञान को नहीं छोड़ता।
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शैली-विज्ञान
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शैली-विज्ञान का संबंध विशेषत:
साहित्य में भाषा के प्रयोग से है।
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अभिश्रुति
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Umlaut
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शब्द के किसी आंतरिक स्वर
में बाद के अक्षर में आने वाले किसी अन्य स्वर के कारण परिवर्तन।जैसे- भरव्दाज=भारव्दाज,वसुदेव=वासुदेव ,किताब=कुतुबा।
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संकेतांतरण
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Convergence
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यहाँ एक भाषा के संकेतों
को दूसरी भाषा के संकेतों में रूपांतरित किया जाता है।जैसे- 'Ram killed Mahesh' का हिन्दी
रूप होगा 'राम ने महेश को मार डाला।'
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भाषा पर आधारित
प्रागैतिहासिक प्रयोग
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Linguistics
Palaentology
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इस शाखा के माध्यम से प्राचीन
काल के अज्ञान इतिहास,संस्कृति
एवं सभ्यता का स्वरूप पुननिर्मित किया जा सकता है।
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गुप्त भाषा
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Secret Language/Code
language
|
गुप्त भाषा किसी विशेष वर्ग
की होती है। इसका उद्देश्य होता है आपसी विचार-विनिमय को सामान्य लोगों से छिपाए
रखना।
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आकृतिमूलक
वर्गिकरण |
Typological
classification
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इस वर्गिकरण का आधार यह
है कि भाषाओं में रूपों की रचना कैसे होती है।
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अर्थतत्व
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Content element
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जो केवल अर्थ को व्यक्त
करता है,जैसे-घोड़ा,मोहन,नदी,काव्य।
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सम्बन्धतत्व
|
function element
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यह केवल व्याकरणिक कार्य
करते हैं। इनका कम होता है वाक्य में प्रयुक्त अर्थतत्वों का आपस में सम्बन्ध
दिखाना।जैसे-ने,को,से,आ
आदि।
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पारिवारिक
वर्गिकरण |
Geneological
classification
|
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कोश
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Dictionary/lexicon
|
वह ग्रंथ जिसमे अर्थ एवं
पर्याय–सहित
शब्द एकत्र किए गए हो|‘निघंटु’ वैदिक
भाषा के सबसे पहले कोश माने जाते है
|
एक-भाषी शब्दकोश
|
Monolingual Dictionary
|
इस भाषा मे संग्रहीत शब्द
और उनके अर्थ एक भाषा मे ही दिये जाते हैं|जैसे-हिन्दी शब्द सागर,Oxford English
Dictionary (1884),James Redding Ware’s Passing English of the Victorian Era
(1909), The RAE’s(spanish )
|
द्विभाषी शब्दकोश
|
Bilingual dictionary
|
इनमें एक भाषा के शब्दों
के अर्थ ,उच्चारण
तथा प्रयोग संदर्भ दूसरी भाषा में दिए जाते हैं यथा अंग्रेजीं-हिन्दी,जर्मन-अंग्रेजी आदि।
|
बहुभाषी शब्दकोश
|
Multilingual
dictionary
|
ये कोश प्राय: किसी एक ही भाषा परिवार की
विभिन्न भाषाओं को लेकर बनाए जाते हैं|भाषाओं के तुलनात्मक ऐतिहासिक अध्ययन में इनकी
विशेष उपयोगिता होती है|
|
ऐतिहासिक शब्दकोश
|
Historical dictionary
|
इन कोशों में एक कल से दूसरे
कल तक के शब्दों के स्वरूप और अर्थों के विकास का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है।
|
व्युत्पात्यात्मक
शब्दकोश
|
Etymological
dictionary
|
इन कोशों में शब्दों के प्रारंभिक या मूल रूप का
स्वरूप और उसके क्रमागत विकास को दिखाया जाता है|उदा. हिन्दी के ‘आम’ की व्यत्पत्ति को संस्कृति आम्र से दिखाया जाता है|
|
बोलीकोश
|
Dialect Dictionary
|
इन कोशों में किसी भी भाषा
की बोलियों में प्राप्त होनेवाले शब्दों का समावेश होता हैं।
|
तकनीकी कोश
|
Technical dictionary
|
इसमें विशेष विषयों के लिए
प्रयुक्त शब्दों को दिया जाता है।जैसे-भौतिकी,जैविकी,विधि,प्रशासन आदि।
|
विश्वकोश/ज्ञानकोश
|
Encyclopedia
|
ज्ञानकोश एक ऐसा भंडार है
,जिसमें
ज्ञान लगभग सभी क्षेत्रों का समावेश करते हुये विविध विषयों पर संक्षिप्त रूप से
पठनीय सामाग्री दी जाती है |
|
सामान्य ज्ञानकोश
|
General encyclopedia
|
इसमे विषयों का चयन सभी
शब्दकोशों से करते है और पठनीय सामाग्री का स्तर पाठक कि दृष्टि से उच्चतन से
लेकर साधारण तक होता है|जैसे-’इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका,नगेन्द्रनाथ बसु का’हिन्दी शब्दकोश' आदि
|
विशेष ज्ञानकोश
|
Special encyclopedia
|
इन कोशो मे विषय प्रतिपादन
का क्षेत्र सीमित कर दिया गया हैं। जैसे-संगीत कोश ,विज्ञान कोश ,मनोविज्ञान कोश ,जीवविज्ञान कोश ,खनिजविज्ञान कोश आदि |
|
रिक्त शब्द
|
Empty/Zero words
|
इनका स्वतंत्र रूप से प्रयोग
नहीं होता अर्थात ये अपने आप में अर्थवान नहीं होते।जैसे-आस-पास,आमने-सामने,अड़ोस-पड़ोस आदि।
|
व्याकरणिक शब्द
|
Grammatical
terms/words
|
इनका कार्य शब्दों के अंतसंबंध
का द्योतन करना होता है।जैसे- रहना-
मैं इस घर में रहता हूँ। |
अर्थगत अभिलक्षण
|
Semantic character
|
वे समास जिनका अर्थ उसके पदों के अर्थों का योग होता है।जैसे-पाकिटमार, गिरहटक
|
कुटभाषा
|
Argot dictionary
|
इसमें भाषा के शब्दों का
या अर्थों का प्रयोग गुप्त अर्थ से किया जाता है जिसको केवल कुछ लोग ही समझ सकते
हैं।अपराध जगत में ऐसे शब्दों का प्रयोग पाया जाता है।
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