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Thursday, February 21, 2019

नामपद : स्वरूप एवं वर्गीकरण


नामपद
वे शब्द जिनसे समस्त संसार की केवल एक ही इकाई का बोध होता हो, नामपद हैं। नामपद व्यक्ति, स्थान या वस्तु विशेष की पहचान के लिए होते हैं। वाक्य में नामपद के रूप में आने वाली शाब्दिक इकाइयाँ व्यक्तिवाचक संज्ञाएँहोती हैं। यदि किसी बहुशब्दीय अभिव्यक्ति द्वारा इस प्रकार की इकाई का निर्माण किया जाता है तो इस प्रकार निर्मित पदबंध संज्ञा पदबंधहोता है। जैसे :
·       मोहन विद्यालय जाता है।
·       वह वर्धा में रहता है।
·       पं. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला एक महान कवि हैं।
नामपद के प्रकार-
नामपद के मूलतः तीन प्रकार किए जाते हैं-
·       मानववाची नामपद
·       स्थानवाची नामपद
·       संस्थावाची नामपद
नामपदों का वर्गीकरण-
उपर्युक्त तीन प्रकारों के आधार पर सभी प्रकार के नामपदों का मशीन को संज्ञान करा पाना कठिन है। इसलिए बाह्य संसार में जितने भी प्रकार के नामपद होते हैं, उनका वर्गीकरण उनके प्रकार एवं स्वरूप के आधार पर किया जा सकता है। नामपदों के प्रकारों और वर्गों को मशीनी अनुप्रयोग की दृष्टि से पहचान संक्रम के साथ इस प्रकार से देखा जा सकता है  -
प्रकार
वर्ग
पहचान संक्रम (Identifying syntax)
महीने, दिन
समय
नाम+प्रकार
ग्रह, उपग्रह, तारे
प्राकृतिक पदार्थ
नाम+प्रकार
महाद्वीप, द्वीप, सागर, महासागर
स्थान
नाम+प्रकार
देश, प्रदेश, मंडल, जिला, तहसील, शहर/गाँव/कस्बा, गली/मुहल्ला
स्थान
नाम, प्रकार (+महाद्वीप + क्रमश: छोटी इकाई पर जाते हुए नाम) जैसे: जिला = नाम+प्रदेश+देश
ऐतिहासिक/पर्यटन स्थल
स्थान
नाम+स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश
संस्था (होटल, चिकित्सालय, मॉल, बैंक, केंद्र)
स्थान
नाम+स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश
कंपनी

नाम+स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश (+उत्पाद का प्रक्षेत्र)
पर्वत, पहाड़, चट्टान, पठार, नदी, झील, झरना, तालाब, जंगल, बाग, पार्क
स्थान
नाम+स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश
सड़क, चौराहा, चौक, क्रासिंग, चट्टी..
स्थान
नाम+स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश(+प्रकार: स्थानीय, मंडलीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय)
सुरंग, पुल, घाट, किनारा, नहर
स्थान
नाम+-स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश (+प्रकार: स्थानीय, मंडलीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय)
रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा
स्थान
नाम+स्थान(शहर/गाँव)+जिला+प्रदेश+देश(+प्रकार: स्थानीय, मंडलीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय)
रेलगाड़ी
वस्तु
गाड़ी संख्या + नाम +- देश
उत्पाद
वस्तु
नाम+कंपनी नाम+प्रयोग का प्रक्षेत्र
पालतू पशु
पशु
नाम(सर्वाधिक आवृत्ति वाले)+- देश/समाज
देवी/देवता
संकल्पना
नाम+धर्म/mythology +specification
मानव
मानव
पूर्व विशेषक+नाम+मध्यनाम+टाइटल +प्रकार(सर्वाधिक आवृत्ति, प्रसिद्धि : ऐतिहासिक/कवि/विचारक/धार्मिक/प्रशासनिक/वैज्ञानिक) +.पु/स्त्री.

नाम पद : कुछ बिंदु :
(1) नामपदों की एक समस्या संदिग्धार्थकता (ambiguity) के रूप में आती है। जैसे –
भगवान दास (किसी का नाम भी है और ‘god slave’ भी।)
सूरज कुमार घर जा रहे हैं।
(2) कितने शब्दों का होगा –
2.1 एकशब्दीय-
मोहन, सोहन, श्याम
सीता, गीता, सीमा
2.2. बहुशब्दीय-
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
मोहनदास करमचंद गांधी
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
मो. अबुल पाकिर जैनुल अब्दिन अब्दुल कलाम
(एक शब्द से लेकर 10-15 शब्दों तक)
(3) किस प्रकार का नाम पद है –
हजरत निजामुद्दीन – व्यक्ति का नाम या स्टेशन का
(4) नामपद का लिंग–
4.1 पुल्लिंग नाम
मोहन, सुरेश, रमेश, दिवाकर, राजेश
4.2 स्त्रीलिंग नाम
गुड़िया, अनामिका, कंचन, रेखा, शालिनी
4.3 पुल्लिंग/स्त्रीलिंग नाम
कोमल, सरोज, रजत, सोनू, संतोष, बिट्टू

हिंदी मानववाची नामपदों का संरचनात्मक विश्लेषण (नामपद अभिज्ञानक के विशेष संदर्भ में)   21-27
अभिजीत प्रसाद : पी-एच.डी. भाषाविज्ञान एवं भाषा प्रौद्योगिकीम.गां.अं.हिं.वि. वर्धा

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