दैनिक भास्कर से साभार
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मौत से मिलकर लौटने पर कैसा लगा:567 मरीजों का अनुभव- लगता है शरीर से दूर जा रहे हैं
दिल का दौरा पड़ने के बाद कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देकर बचाए गए हर पांच में से एक व्यक्ति को मौत का करीबी अनुभव होता है। इस दौरान पीड़ित को एहसास होता है कि वह शरीर से अलग होकर दूर जा रहा है। उसकी आंखों के सामने पूरी जिंदगी रील की तरह घूमने लगती है।
यह खुलासा न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रोसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स ने एक हालिया स्टडी में किया है। इसमें शामिल लोगों ने बताया कि हार्ट अटैक के बाद CPR के दौरान उन्हें कभी न होने वाले अनुभव हुए।
CPR पर हुई रिसर्च को 5 पॉइंट में समझिए…
1. 567 मरीजों पर 3 साल चली रिसर्च
2017 से 2020 तक पहली बार इस तरह की स्टडी की गई, जिसमें 567 मरीजों को शामिल किया गया। इन लोगों को धड़कन रुकने के बाद CPR देकर बचाया गया था। सभी मरीज अमेरिका और इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती थे।
2. CPR के दौरान सब कुछ रंगीन, चमकीला दिखा
रिसर्च में शामिल कई लोगों ने बताया कि CPR के दौरान उनकी आंखों की रोशनी स्पष्ट थी और उन्हें सब कुछ रंगीन और चमकीला दिखाई देने लगा था। ऊंचाई से गिरने, जानलेवा हमले और धमाके के दौरान भी मौत के करीबी अनुभव होते हैं।
3. आंखों के सामने फिल्म जैसी दिखती है जिंदगी
रिसर्च में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि CPR देने पर वह एक अंधेरी जगह में चला गया, लेकिन उसे डर नहीं लग रहा था। वहां बहुत शांति थी। फिर उसकी आंखों के सामने पूरी जिंदगी थ्री-डी फिल्म की तरह चलने लगी। बचपन से लेकर जवानी तक का घटनाक्रम साफतौर पर सामने आया।
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