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Wednesday, May 24, 2023
MGAHV, PHD ADMISSION 2023
 प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा 
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा 
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Saturday, May 20, 2023
ब्लॉग यात्रा 7,00,000
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Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
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Sunday, May 14, 2023
राजनीति की साख और भाषायी मोड़ : प्रो. गिरीश्वर मिश्र
 प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा 
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
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Tuesday, May 9, 2023
मशीनी अनुवाद (Machine Translation – MT)
§  मशीनी
अनुवाद क्या है? (What is MT)
§  मशीनी
अनुवाद : भारतीय परिदृश्य 
§  मशीनी
अनुवाद के प्रकार (Types of MT)
§  मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Transla...
§  मशीनी अनुवाद प्रक्रिया (Machine translation Process)
§  अभिगम /प्रविधि (Approach/Method) के आधार पर मशीनी
...
§  नियम
आधारित मशीनी अनुवाद (Rule Based MT)
§  कॉर्पस
आधारित मशीनी अनुवाद (Corpus Based MT)
§  संकर मशीनी अनुवाद प्रणाली (Hybrid MT Systems)
§  मशीनी अनुवाद की प्रक्रिया और घटक (The Process and ...
§  मशीनी
अनुवाद में अंतरण (Transfer in MT)
§  पश्च
संसाधन (Post Processing)
§  लक्ष्य पाठ सृजन (Target Text Generation)
§  पद-विच्छेदन और पद-विच्छेदन की प्रक्रिया (Parsing a...
 प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा 
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मशीनी अनुवाद क्या है? (What is MT)
मशीनी अनुवाद क्या है? (What is MT)
किसी एक भाषा से
दूसरी भाषा में मशीन के माध्यम से किया जाने वाला अनुवाद ‘मशीनी अनुवाद’ है। इसे एक चित्र द्वारा इस प्रकार से अभिव्यक्त कर सकते हैं- 
मशीनी अनुवाद संबंधी
अन्य विषयों को पढ़ने के लिए संबंधित लिंक पर जाएँ- 
- मशीनी अनुवाद के प्रकार (Types of MT)
- मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Transla...
- मशीनी अनुवाद प्रक्रिया (Machine translation Process)
- अभिगम /प्रविधि (Approach/Method) के आधार पर
     मशीनी ...
- नियम आधारित मशीनी अनुवाद (Rule Based MT)
- कॉर्पस आधारित मशीनी अनुवाद (Corpus Based MT)
- संकर मशीनी अनुवाद प्रणाली (Hybrid MT Systems)
- मशीनी अनुवाद की प्रक्रिया और घटक (The Process and ...
- मशीनी अनुवाद में अंतरण (Transfer in MT)
- पश्च संसाधन (Post Processing)
- लक्ष्य पाठ सृजन (Target Text Generation)
- पद-विच्छेदन और पद-विच्छेदन की प्रक्रिया (Parsing a...
- पद-विच्छेदन के प्रकार (Types of Parsing)
- नामपद अभिज्ञानक (Name Entity Recognizer : NER)
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मशीनी अनुवाद के प्रकार (Types of MT)
मशीनी अनुवाद के प्रकार (Types of MT)
प्रकृति और
प्रयोग के आधार पर मशीनी अनुवाद प्रणालियों के कई प्रकार किए जा सकते हैं-
1. मानव सहयोग
की दृष्टि से
1.1. पूर्णत:
स्वचलित मशीनी अनुवाद 
1.2 मानव साधित
मशीनी अनुवाद 
2.
क्षेत्र-विशेष (domain) की दृष्टि से
2.1 सामान्य
मशीनी अनुवाद 
2.2
क्षेत्र-विशेष आधारित मशीनी अनुवाद 
3. अभिगम (approach) की दृष्टि से 
3.1 नियम आधारित मशीनी
अनुवाद 
3.2 सांख्यिकीय
मशीनी अनुवाद 
3.3 संकर (hybrid) मशीनी अनुवाद 
विस्तार से पढ़ें-
अभिगम /प्रविधि (Approach/Method) के आधार पर मशीनी
अनुवाद (MT) के प्रकार
अथवा निम्नलिखित
लिंकों पर जाएँ- 
- नियम आधारित मशीनी अनुवाद (Rule Based MT)
- कॉर्पस आधारित मशीनी अनुवाद (Corpus Based MT)
- संकर मशीनी अनुवाद प्रणाली (Hybrid MT Systems)
 4. दिशा की
दृष्टि से 
4.1 एकदिशीय
मशीनी अनुवाद 
4.2 द्विदिशीय
मशीनी अनुवाद 
5. भाषा प्रयोग
की दृष्टि से 
5.1 द्विभाषिक
मशीनी अनुवाद 
5.2 बहुभाषिक
मशीनी अनुवाद
…………………..
 प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा 
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
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मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Translation)
मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Translation)
1. 1930 के दशक में French-Armenian
Georges Artsrouni और Russian Petr Troyanskii द्वारा ‘translating machines’ के लिए पेटेंट के लिए
आवेदन किया। Troyanskii ने automatic bilingual
dictionary के लिए विधि के साथ-साथ scheme for coding interlingual grammatical roles (based on Esperanto) भी विकसित किया। साथ ही यह भी बताया कि विश्लेषण और संश्लेषण संबंधी
कार्य कैसे किए जाएँ। यद्यपि उनके विचार 1950 के दशक के अंत तक सामने नहीं आ सके। 
2. मार्च 1947 में
Rockefeller Foundation के Warren Weaver ने cyberneticist
Norbert Wiener को एक पत्र लिखा। दो साल बाद जुलाई 1949 में वीवर ने
memorandum लिखा जिसमें इस संदर्भ में बात की गई थी। 
3. 1954 में पहली बार IBM
और Georgetown University द्वारा मशीनी अनुवाद का सार्वजनिक प्रदर्शन किया गया। इसमें बहुत सीमित
शब्दावली और व्याकरण का प्रयोग किया गया था, किंतु इससे United
States में मशीनी अनुवाद हेतु भारी फंडिंग प्राप्त हुई। इसी के साथ
विश्व भर में मशीनी अनुवाद की शुरुआत हुई। 
4. 1960 के आसपास शब्दकोश और सीमित नियम आधारित प्रणालियों
का विकास किया जाने लगा। इनमें शब्दकोश चालित नियमों (dictionary-driven rules) का प्रयोग किया
गया। जल्दी ही यह पता चल गया कि शब्दकोश चालित नियम बहुत सीमित स्तर तक ही कार्य
कर सकते हैं। मशीनी अनुवाद के लिए भाषावैज्ञानिक नियमों की आवश्यकता है। इसी क्रम
में रूपात्मक व्याकरण के मॉडलों (models of formal
grammar (generative-transformational, dependency, and stratificational आदि) पर कार्य आरंभ हो गया। 
5. इस दौरान कुछ सिस्टम विकसित किए गए, जैसे- Mark II (IBM और
Washington University द्वारा विकसित) USAF Foreign
Technology Division में इंस्टाल किया गया था, और Georgetown University system जो US Atomic Energy Authority और Euratom, Italy में स्थापित किया गया था। किंतु इनके आउटपुट
की गुणवत्ता बहुत कम थी। 
6. 1964 में अपेक्षित गति नहीं प्राप्त होने के कारण US government sponsors द्वारा चिंता जताई गई, जिससे Automatic Language Processing Advisory Committee
(ALPAC) का गठन किया गया। इस समिति ने 1966 में अपनी सुप्रसिद्ध
रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि मशीनी अनुवाद बहुत
मंद, कम शुद्धता वाला और मानव अनुवाद से दोगुना खर्चीला है।
इसी में कहा गया, “there is no immediate or
predictable prospect of useful machine translation.” इससे मशीनी अनुवाद के क्षेत्र में निवेश में भारी गिरावट आई।
7. 
मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Translation)
|  |  |  | 
|  | 1930 का दशक | French-Armenian Georges Artsrouni और Russian
  Petr Troyanskii द्वारा ‘translating machines’ के लिए पेटेंट के लिए आवेदन। | 
|  | मार्च 1947 जुलाई 1949 | Rockefeller Foundation के Warren
  Weaver ने cyberneticist Norbert Wiener को
  पत्र लिखा। वीवर ने memorandum
  में उल्लेख। | 
|  | 1954 | पहली बार IBM
  और Georgetown University द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन। भारी फंडिंग.. | 
|  | 1960 के आसपास | शब्दकोश चालित (dictionary-driven)
  प्रणालियों का विकास। SUSY  GETA Mark II
  system (developed by IBM and Washington University) [Russian to English] | 
|  | 1964 1966 | Automatic Language Processing Advisory Committee
  (ALPAC) का गठन । रिपोर्ट | 
|  | 1970 के आसपास | USAF द्वारा Systran का
  विकास । weather reports के अनुवाद के लिए
  Montreal University द्वारा Meteo system का विकास कार्पस आधारित पद्धति का उदभव। | 
|  | 1980s | बहुभाषी आरंभ Logos (German-English and
  English-French) Metal system (German-English) चॉम्स्की के TG
  Grammar के प्रभाव से आधुनिक व्याकरणों, जैसे-
  LFG, GPSG, HPSG, TAG, DG आदि का विकास। | 
|  | 1990s | अधिकांश प्रमुख देशों/संस्थाओं में विविध
  भाषाओं के लिए कार्य आरंभ हो गया।  | 
|  | 21वीं शताब्दी | बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रवेश एवं विकास | 
भारतीय परिदृश्य
|  | नाम | स्थान/विवरण | 
|  | आंग्लभारती | आई.आई.टी. कानपुर, RMK सिन्हा, 1992  उदाहरण आधारित  | 
|  | मात्रा | सी.डैक, मुंबई (नेशनल सेंटर फॉर सॉफ्टवेयर
  टेक्नोलॉजी), 1995 अंतरण कोश | 
|  | मंत्र | सी.डैक, पुणे, 1997 | 
|  | अनुवादक | सुपर इंफोसॉफ्ट, नई दिल्ली, 1998-99 | 
|  | यूनिवर्सल नेटवर्किंग लैंग्वेज (UNL) | IIT, मुंबई | 
|  | अनुभारती | 1995, RMK
  सिन्हा, हिंदी-अंग्रेजी | 
|  | अनुसारक | 1995, आई.आई.टी. कानपुर में आरंभ बाद में  आई.आई.आई.टी. हैदराबाद | 
|  | शिवा और शक्ति | अंग्रेजी-हिंदी, 2004 | 
Link-
https://lgandlt.blogspot.com/2019/07/blog-post_23.html
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