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Tuesday, May 9, 2023

मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Translation)

 मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Translation)

1. 1930 के दशक में French-Armenian Georges Artsrouni और Russian Petr Troyanskii द्वारा ‘translating machines’ के लिए पेटेंट के लिए आवेदन किया। Troyanskii ने automatic bilingual dictionary के लिए विधि के साथ-साथ scheme for coding interlingual grammatical roles (based on Esperanto) भी विकसित किया। साथ ही यह भी बताया कि विश्लेषण और संश्लेषण संबंधी कार्य कैसे किए जाएँ। यद्यपि उनके विचार 1950 के दशक के अंत तक सामने नहीं आ सके।

2. मार्च 1947 में Rockefeller Foundation के Warren Weaver ने cyberneticist Norbert Wiener को एक पत्र लिखा। दो साल बाद जुलाई 1949 में वीवर ने memorandum लिखा जिसमें इस संदर्भ में बात की गई थी।

3. 1954 में पहली बार IBM और Georgetown University द्वारा मशीनी अनुवाद का सार्वजनिक प्रदर्शन किया गया। इसमें बहुत सीमित शब्दावली और व्याकरण का प्रयोग किया गया था, किंतु इससे United States में मशीनी अनुवाद हेतु भारी फंडिंग प्राप्त हुई। इसी के साथ विश्व भर में मशीनी अनुवाद की शुरुआत हुई।

4. 1960 के आसपास शब्दकोश और सीमित नियम आधारित प्रणालियों का विकास किया जाने लगा। इनमें शब्दकोश चालित नियमों (dictionary-driven rules) का प्रयोग किया गया। जल्दी ही यह पता चल गया कि शब्दकोश चालित नियम बहुत सीमित स्तर तक ही कार्य कर सकते हैं। मशीनी अनुवाद के लिए भाषावैज्ञानिक नियमों की आवश्यकता है। इसी क्रम में रूपात्मक व्याकरण के मॉडलों (models of formal grammar (generative-transformational, dependency, and stratificational आदि) पर कार्य आरंभ हो गया।

5. इस दौरान कुछ सिस्टम विकसित किए गए, जैसे- Mark II (IBM और Washington University द्वारा विकसित) USAF Foreign Technology Division में इंस्टाल किया गया था, और Georgetown University system जो US Atomic Energy Authority और Euratom, Italy में स्थापित किया गया था। किंतु इनके आउटपुट की गुणवत्ता बहुत कम थी।

6. 1964 में अपेक्षित गति नहीं प्राप्त होने के कारण US government sponsors द्वारा चिंता जताई गई, जिससे Automatic Language Processing Advisory Committee (ALPAC) का गठन किया गया। इस समिति ने 1966 में अपनी सुप्रसिद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि मशीनी अनुवाद बहुत मंद, कम शुद्धता वाला और मानव अनुवाद से दोगुना खर्चीला है। इसी में कहा गया,there is no immediate or predictable prospect of useful machine translation.” इससे मशीनी अनुवाद के क्षेत्र में निवेश में भारी गिरावट आई।

7.

मशीनी अनुवाद का इतिहास (History of Machine Translation)

 

 

 

 

1930 का दशक

French-Armenian Georges Artsrouni और Russian Petr Troyanskii द्वारा ‘translating machines’ के लिए पेटेंट के लिए आवेदन।

 

मार्च 1947

 

जुलाई 1949

Rockefeller Foundation के Warren Weaver ने cyberneticist Norbert Wiener को पत्र लिखा।

 

वीवर ने memorandum में उल्लेख।

 

1954

पहली बार IBM और Georgetown University द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन। भारी फंडिंग..

 

1960 के आसपास

शब्दकोश चालित (dictionary-driven) प्रणालियों का विकास। SUSY

GETA

Mark II system (developed by IBM and Washington University)

[Russian to English]

 

1964

 

1966

Automatic Language Processing Advisory Committee (ALPAC) का गठन ।

रिपोर्ट

 

1970 के आसपास

USAF द्वारा Systran का विकास ।

weather reports के अनुवाद के लिए Montreal University द्वारा Meteo system का विकास

कार्पस आधारित पद्धति का उदभव।

 

1980s

बहुभाषी आरंभ

Logos

(German-English and English-French)

Metal system (German-English)

चॉम्स्की के TG Grammar के प्रभाव से आधुनिक व्याकरणों, जैसे- LFG, GPSG, HPSG, TAG, DG आदि का विकास।

 

1990s

अधिकांश प्रमुख देशों/संस्थाओं में विविध भाषाओं के लिए कार्य आरंभ हो गया।

 

21वीं शताब्दी

बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रवेश एवं विकास

 

भारतीय परिदृश्य

 

नाम

स्थान/विवरण

 

आंग्लभारती

आई.आई.टी. कानपुर, RMK सिन्हा, 1992

उदाहरण आधारित

 

मात्रा

सी.डैक, मुंबई (नेशनल सेंटर फॉर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी), 1995

अंतरण कोश

 

मंत्र

सी.डैक, पुणे, 1997

 

 

अनुवादक

सुपर इंफोसॉफ्ट, नई दिल्ली, 1998-99

 

यूनिवर्सल नेटवर्किंग लैंग्वेज (UNL)

IIT, मुंबई

 

अनुभारती

1995, RMK सिन्हा, हिंदी-अंग्रेजी

 

अनुसारक

1995, आई.आई.टी. कानपुर में आरंभ बाद में

आई.आई.आई.टी. हैदराबाद

 

शिवा और शक्ति

अंग्रेजी-हिंदी, 2004

Link- https://lgandlt.blogspot.com/2019/07/blog-post_23.html

 

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