संवाद से वर्णन में परिवर्तन (Dialogue to Description Conversion) :
पहले पढ़ें :
· संवाद लेखन (Dialogue Writing)
संवाद से वर्णन में परिवर्तन :
किसी संवाद को वर्णन में बदलने के लिए
उसमें कही गई बातों को विवरणात्मक रूप में प्रस्तुत करते हैं। इसे कुछ उदाहरणों से
समझ सकते हैं-
उदाहरण -01
संवाद:
राहुल: "मुझे यह किताब बहुत
पसंद आई। इसकी कहानी बेहद रोचक है!"
समीरा: "सच में? तो मुझे भी इसे पढ़नी चाहिए!"
राहुल: "हाँ, तुम्हें जरूर पढ़नी चाहिए। तुम्हें भी बहुत पसंद
आएगी।"
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उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:
राहुल ने उत्साहित होकर किताब के
प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उसे इसकी कहानी अत्यंत रोचक लगी। समीरा ने उसकी
प्रतिक्रिया सुनकर जिज्ञासा प्रकट की और कहा कि यदि यह इतनी अच्छी है, तो उसे भी इसे पढ़नी चाहिए। राहुल ने सहमति जताते हुए उसे
इस किताब को पढ़ने की सिफारिश की, यह विश्वास दिलाते हुए कि यह उसे
भी बहुत पसंद आएगी।
उदाहरण -02
संवाद:
रीना: सुमित, देखो! मौसम कितना बदल गया है। लगता है बारिश होने वाली
है।
सुमित: (मुस्कुराते हुए) हाँ, और मुझे बारिश में भीगना बहुत पसंद है।
रीना: (चिंतित होकर) लेकिन ठंडी हवा चल
रही है। अगर भीग गए, तो तुम्हें सर्दी हो जाएगी।
सुमित: (हँसते हुए) अरे, कुछ नहीं होगा। बारिश में भीगने का मज़ा ही कुछ और है।
रीना: ठीक है, लेकिन अगर बीमार पड़े,
तो मुझे मत कहना। मैं तो घर के
अंदर जा रही हूँ।
सुमित: (मज़ाक करते हुए) ठीक है, तुम जाओ। मैं थोड़ी देर और यहीं रुकूँगा।
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उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:
रीना और सुमित घर के बाहर खड़े थे।
अचानक मौसम बदलने लगा। काले बादल छा गए,
और ठंडी हवा चलने लगी। रीना ने
महसूस किया कि बारिश होने वाली है। उसने सुमित से कहा कि वे घर के अंदर चले जाएँ।
लेकिन सुमित को बारिश में भीगने का बहुत शौक था। वह बाहर ही खड़ा रहना चाहता था।
रीना ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुआ।
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उदाहरण -03
संवाद:
राम: "मुझे भूख लगी है। कुछ
खाने को मिलेगा?"
सीता: "हाँ, मैं तुम्हारे लिए कुछ बना देती हूँ।"
उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:
राम ने भूख महसूस की और भोजन की
तलाश में इधर-उधर देखा। उसने सीता की ओर मुड़कर पूछा कि क्या कुछ खाने के लिए मिल
सकता है। सीता ने मुस्कुराते हुए सहमति जताई और प्रेमपूर्वक उसके लिए कुछ पकाने की
पेशकश की।
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उदाहरण -04
संवाद:
श्रेया: "देखो, आसमान में कितने सुंदर बादल हैं!"
आरव: "हाँ, ऐसा लग रहा है जैसे बारिश होने वाली है।"
श्रेया: "काश, हल्की फुहारें पड़ें तो मज़ा आ जाए!"
उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:
श्रेया ने उत्साहपूर्वक आसमान की
ओर इशारा किया और वहाँ फैले सुंदर बादलों की ओर ध्यान दिलाया। आरव ने भी ऊपर देखते
हुए सहमति व्यक्त की और अनुमान लगाया कि शायद बारिश होने वाली है। श्रेया ने
मुस्कुराते हुए अपनी इच्छा ज़ाहिर की कि यदि हल्की फुहारें गिरें, तो माहौल और भी सुहावना हो जाएगा।