कैथी लिपि एक
ऐतिहासिक भारतीय लिपि है जो उत्तर भारत के विशेष क्षेत्रों में प्रचलित थी। यह
लिपि विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और
झारखंड जैसे क्षेत्रों में लोक प्रशासन, न्यायिक कार्य, व्यापार, और सामान्य लेखन के लिए उपयोग में लाई जाती थी।
कैथी लिपि – एक परिचय
नाम कैथी (Kaithi)
प्रयोग क्षेत्र : उत्तर
भारत: विशेषतः बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड
भाषाएँ : भोजपुरी, मगही, मैथिली, अवधी, उर्दू, हिन्दी
काल : मुख्यतः 16वीं से 19वीं शताब्दी तक
प्रयोजन : राजकीय दस्तावेज़, न्यायालयीय रिकॉर्ड, व्यापारिक
लेखा-जोखा, पत्राचार
लिखने की दिशा : बाएँ से दाएँ
नाम की उत्पत्ति
‘कैथी’ शब्द ‘कायस्थ’
शब्द से लिया गया है, जो एक जाति/समूह था जो
उस समय के लेखक वर्ग के रूप में कार्य करता था। चूंकि यह लिपि मुख्यतः कायस्थों
द्वारा प्रयोग में लाई जाती थी, इसलिए इसे कैथी
लिपि कहा गया।
सोशल मीडिया से
प्राप्त देवनागरी और कैथी का तुलनात्मक रूप इस प्रकार है-
तकनीकी अनुप्रयोग
:
यूनिकोड (Unicode) ने भी कैथी लिपि के लिए एक कोडब्लॉक (U+11080–U+110CF) शामिल किया है, जिससे अब इसे डिजिटल रूप
में भी संरक्षित किया जा सकता है।आमतौर पर कैथी लिपि को देखने और लिखने के लिए
विशेष फॉन्ट और यूनिकोड-सक्षम सॉफ्टवेयर जैसे कि Notepad++,
LibreOffice, या ब्राउज़र-आधारित यूनिकोड संपादक का
उपयोग किया जाता है।
कई डिवाइस पर ये
अक्षर सही नज़र नहीं आ सकते, जब तक कि उचित
कैथी यूनिकोड फॉन्ट इंस्टॉल न हो।
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