लेखन में विशिष्ट चिह्नों का प्रयोग (Using Special Symbols in Writing)
लेखन केवल शब्दों
का समूह नहीं होता, बल्कि उसमें विशिष्ट चिह्नों(Special Symbols or Punctuation Marks) का भी प्रयोग होता है, जो लेख को अर्थपूर्ण, सुसंगठित और प्रभावशाली बनाते हैं। ये चिह्न वाक्य की गति, भाव, विराम और स्पष्टता को
निर्देशित करते हैं। लेखन में इन चिह्नों का प्रयोग अनिवार्य होता है। विशिष्ट
चिह्न मुख्य रूप से पठन की गति को नियंत्रित करते हैं, जैसे- कहाँ रुकना है, कहाँ विराम देना है — यह इन्हींचिह्नों से तय होता है। साथ ही कुछ हद तक विस्मय, दुख, हर्ष जैसे भाव भी
विशिष्ट चिह्नों द्वारा दर्शाए जा सकते हैं।
विशिष्ट
चिह्नों के प्रकार और उनके प्रयोग
कुछ प्रमुख
विशिष्ट चिह्न और उनके प्रयोग इस प्रकार हैं-             
|  क्रम  |  चिह्न  |  नाम  |  प्रयोग का उद्देश्य  |  उदाहरण  | 
| 1 |  ।  |  पूर्ण विराम  |  वाक्य की समाप्ति  |  राम स्कूल गया।  | 
| 2 |  ,  |  अल्प विराम  |  वाक्य के भीतर रुकने
  के लिए  |  मैंने फल, दूध और रोटी ली।  | 
| 3 |  ?  |  प्रश्नवाचक चिह्न  |  प्रश्न को दर्शाने के लिए  |  क्या तुम आओगे?  | 
| 4 |  !  |  विस्मयादिबोधक चिह्न  |  भावनाओं को प्रकट करने
  के लिए  |  वाह! कितना सुंदर दृश्य है!  | 
| 5 |  :  |  द्विबिंदु  |  सूची या व्याख्या से पहले  |  कृपया ध्यान दें: कक्षा
  स्थगित है।  | 
| 6 |  ;  |  अर्ध विराम  |  दो संबंधित वाक्यों को
  जोड़ने के लिए  |  वह आया; पर रुका नहीं।  | 
| 7 |  ‘‘  |  उद्धरण चिह्न  |  किसी के शब्दों को दर्शाने
  के लिए  |  गांधी ने कहा, ‘सत्य ही ईश्वर है।’  | 
| 8 |  ()  |  कोष्ठक  |  अतिरिक्त जानकारी के लिए  |  महात्मा गांधी (1869–1948) स्वतंत्रता
  सेनानी थे।  | 
| 9 |  —  |  योजक रेखा / डैश
   |  विचार या सूचना में विराम
  या बल के लिए  |  जीवन — एक संघर्ष है।  | 
| 10 |  …  |  त्रिबिंदु  |  अपूर्णता या रुकाव को
  दर्शाने के लिए  |  मैं सोच रहा था… लेकिन कुछ समझ नहीं
  आया।  | 
   
 
 
 
No comments:
Post a Comment