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कंप्यूटर
: 01
कंप्यूटर
: इनपुट, प्रोसेसिंग, आउटपुट (और
मेमोरी) 
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस है जिसमें किसी डाटा का इनपुट देकर उस पर संबंधित संसाधन कार्य किया जाता है जिसके पश्चात हमें इच्छित आउटपुट प्राप्त होता है। इस इनपुट और आउटपुट डाटा को संचित करने के लिए कंप्यूटर में स्मृति (मेमोरी) भी होती है। 
(नोट - कुछ हिंदी विद्वानों द्वारा इनपुट को ‘निवेश’ और आउटपुट को ‘निर्गम’ कहा गया है, किंतु यहाँ इनपुट और आउटपुट ही कहा जाएगा। इसी प्रकार स्मृति को भी यहाँ मेमोरी ही कहा जाएगा। ऐसे अतिप्रचलित अंग्रेजी शब्दों का लिप्ययंतरण ही उचित प्रतीत होता है। वैसे प्रोसेसिंग के लिए संसाधन शब्द पर्याप्त प्रचलन में हैं लेकिन बाकी तीन लिप्यंतरण हैं तो केवल इसे हिंदी में लिखने के बजाए इसे भी प्रोसेसिंग ही कहा जा रहा है।)
कंप्यूटर में इनपुट, संसाधन, आउटपुट और मेमोरी का चित्र इस प्रकार है –
(i)
इनपुट 
इनपुट वह प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर को प्रयोगकर्ता द्वारा डाटा दिया जाता है जिस पर वह कार्य कर सके। इसके लिए प्रयुक्त डिवाइसेस इस प्रकार हैं – 
1.     
कीबोर्ड (कुंजीपटल) – यह एक ऐसी डिवाइस है जिसमें वर्ण, अंक, फंकंश्नल कीज और स्पेशल कीज होती है, जिनके माध्यम से टाइप करके इनपुट दिया जाता है।
 2.     
माउस – यह एक ऐसी डिवाइस है जिसमें लेफ्ट और राइट दो बटन होते हैं और बीच में एक गोलाकार बॉल होती है जिसे घुमाया जा सकता है। माउस मूलत: ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में प्रयुक्त होने वाला मुख्य उपकरण है। इसके माध्यम से कर्सर को स्क्रीन पर कहीं भी घुमाया और क्लिक किया जा सकता है, जिससे की विभिन्न प्रकार के कमांड दिए जा सकें।
नोट- पारंपरिक रूप से आने वाले कीबोर्ड और माउस एक केबल के माध्यम से सी.पी.यू. कैबिनेट से जोड़े जाते हैं। अभी वर्तमान में वायरलेस (बिना तार के) कीबोर्ड और माउस भी आ चुके हैं जो ब्लूटूथ आदि माध्यमों से कंप्यूटर से जुड़ जाते हैं।
3.     
टचपैड – यह माउस की तरह ही काम करने वाली डिवाइस है जो लैपटॉप में आती है-
4. स्कैनर – इसके द्वारा किसी चित्र, पाठ आदि का इनपुट दिया जाता है, जिसे यह चित्र (image) फाइल में परिवर्तित कर देता है।
5.     
कंप्यूटर कैमरा – यह कंप्यूटर से जुड़कर काम करने वाला कैमरा होता है। 
लैपटाप में यह वेबकैम के रूप में इनब्यूल्ट आता है।
6. बार कोड रीडर – यह एक विशेष डिवाइस है जिसके द्वारा बार कोड में लिखे संकेत पढ़े जाते हैं
7.     
माइक्रोफोन – आवाज का इनपुट देने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है – 
लैपटाप में इसके लिए पोर्ट होता है।
(ii)
 संसाधन 
संसाधन संबंधी कार्य एक माइक्रोप्रोसेसर द्वारा किया जाता है जिसे ‘सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट’ (सी.पी.यू.) कहते हैं। इसे एक मदरबोर्ड पर लगाया गया होता है। संपूर्ण मदरबोर्ड और अन्य छोटी-छोटी डिवाइसेस को जिस डिब्बे में संग्रहीत किया जाता है उसे सीपीयू कैबिनेट कहते हैं। एक सीपीयू इस प्रकार दिखता है –
मदरबोर्ड में इसे अन्य पार्ट्स के साथ विशेष सुरक्षा देकर लगाया जाता है –
सीपीयू कैबिनेट इस प्रकार होती हैं –
                                         (बाहर से)                             (अंदर से)
(iii)
मेमोरी 
कंप्यूटर में फाइलों को स्टोर (संग्रहीत) करने के लिए मेमोरी की आवश्यकता होती है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की डिवाइसों का प्रयोग किया जाता है। कंप्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी डिवाइसों के दो वर्ग किए गए हैं – प्राथमिक और द्वितीयक (Primary
and Secondary)। रैम और रोम को प्राथमिक तथा अन्य को द्वितीयक कहा गया है। दोनों प्रकार की कुछ प्रमुख मेमोरी डिवाइसें निम्नलिखित हैं –
1.     
रैम (RAM- Random Access Memory) – यह प्राथमिक स्टोरेज डिवाइस है। इसमें डाटा तब तक ही रहता है जब तक कंप्यूटर ऑन रहता है। इस कारण इसे वोलेटाइल मेमोरी भी कहा गया है –
 2.     
रोम (ROM- Read Only Memory) – यह भी प्राथमिक स्टोरेज डिवाइस है। इसमें कंप्यूटर की बूटिंग और बायोस आदि संबंधी सूचनाएँ होती हैं। इन्हें प्रयोगकर्ता बदल नहीं सकता। इस कारण इन्हें रीड वनली मेमोरी कहा जाता है –
 वैसे बाद में इनके दो और संस्करण आ चुके हैं – PROM
(Programmable Read Only Memory) और EPROM (Erazable Programmable Read Only Memory). इनमें से पहली वाली में केवल आगे कुछ जोड़ा जा सकता है, मिटाया नहीं जा सकता। दूसरी वाली में मिटाया भी जा सकता है।
3.     
हार्डडिस्क – यह कंप्यूटर की आधारभूत द्वितीयक स्टोरेज डिवाइस है। यह दो रूपों में प्राप्त होती है – इंटर्नल (आंतरिक) और एक्सटर्नल (बाह्य)। इंटर्नल मेमोरी कंप्यूटर के साथ सीपीयू कैबिनेट में ही बनकर आती है। एक्सटर्नल को बाहर से लगाया जाता है–
इंटर्नल हार्डडिस्क –
 एक्सटर्नल हार्डडिस्क –
सीडी –
डीवीडी -
5.     
पेनड्राइव – यह छोटी से पेन की तरह दिखने वाली स्टोरेज डिवाइस है। ये अलग-अलग संग्रह क्षमता की होती हैं। एक जीबी से लेकर
128 जीबी तक की पेनड्राइव बाजार में उपलब्ध हैं -
6.     
मेमोरी कार्ड – ये सिम की तरह दिखने वाले छोटे कार्ड होते हैं जिनकी संग्रह क्षमता
512 एमबी से लेकर 64 जीबी तक होती है –
(iv)
आउटपुट 
कंप्यूटर में इनपुट का संसाधन होने के पश्चात जो सूचना या सामग्री प्राप्त होती है, वह आउटपुट कहलाती है। इसके लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की आउटपुट डिवाइसेस का प्रयोग किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं –
1.     
मॉनिटर – मानिटर कंप्यूटर की आधारभूत आउटपुट डिवाइस है। वर्तमान में मुखयत: तीन प्रकार के मॉनिटर देखे जा सकते हैं- 
 सी.आर.टी. (Cathode Ray Tube)
एल.सी.डी. (Liquid Cristal Display)
 एल.ई.डी. (Light Emiting Diaodes)
 2.     
प्रिंटर – इसके माध्यम से किसी टाइप की हुई फाइल, चित्र फाइल अथवा शीट फाइल आदि का प्रिंट निकाला जाता है। प्रिंटर मुख्यत: 4
प्रकार के हैं -
(अ)
 डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर – ये आरंभिक टाइप के प्रिंटर हैं जो अब धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर हो रहे हैं। इनका मुख्य प्रयोग बैंक और रेलवे में टिकट प्रिंटिंग के लिए देखा जा सकता है।
                             (बाहर से)                                          (अंदर से)
(आ)
 इंकजेट प्रिंटर – इस प्रिंटर में काली अथवा रंगीन स्याही का प्रयोग किया जाता है। ये प्रिंटर कंप्यूटर की डिजिटल इमेज के अनुसार स्याही को काजग, प्लास्टिक आदि प्रयुक्त वस्तु पर प्रिंट कर देते हैं।
(इ)
लेजर प्रिंटर – इस प्रिंटर में electrostatic डिजिटल प्रिंटिंग प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है, जिसमें प्रिंटिंग संबंधी कार्य लेजर किरणे करती हैं। हैं। ये प्रिंटर तेज गति से बहुत अच्छी गुणवत्ता के प्रिंट निकालते हैं।
(ई)
3डी प्रिंटर – ये नए प्रकार के प्रिंटर हैं जिनमें किसी ऑब्जेक्ट को तीन दिशाओं से प्रिंट करने की व्यवस्था होती है।
                        (बाहर से)                                             (अंदर से)
3.     
स्पीकर – इनका प्रयोग आवाज सुनने के लिए किया जाता है, इनके भी कई रूप हैं –
(अ)
 स्पीकर – ये सामान्य स्पीकर होते हैं –
                           (बाहर से)                                            (अंदर से)
(आ)
 वूफर – ये कम आवृत्ति की ध्वनियों को अनुनाद के साथ उत्पन्न करने की क्षपता से युक्त स्पीकर होते हैं।
                         (बाहर से)                                              (अंदर से)
                             (बाहर से)                                         (अंदर से)
(ई)
ईयर फोन – यह हेडफोन का ही और छोटा संस्करण है जिसे कान के अंदर लगाया जाता है।
                         (बाहर से)                                         (अंदर से)
4.     
प्रोजेक्टर – यह मॉनिटर पर छोटी स्क्रीन पर दिखाई जाने वाली सामग्री को बड़ी स्क्रीन पर दिखाता है। इसकी स्क्रीन को सामान्यत: प्रोजेक्शन स्क्रीन कहते हैं -
                                   (बाहर से)                                                    (अंदर से)
5.     
 प्लॉटर – यह बड़े-बड़े बैनर-पोस्टर आदि की छपाई के लिए प्रयुक्त होने वाली डिवाइस है।
                              (बाहर से)                                                (अंदर से)
 
































 
 
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ReplyDeleteकंप्यूटर इनपुट और आउटपुट डिवाइस को याद करने का सबसे आसान तरीका एक बार पढ़ने से याद रहेगा हमेशा
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