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कंप्यूटर : 02
सॉफ्टवेयर : अवधारणा और प्रकार
सॉफ्टवेयर : अवधारणा और प्रकार
सॉफ्टवेयर वे प्रोग्राम हैं जो कंप्यूटर के हार्डवेयर को काम करने के योग्य बनाते हैं। सॉफ्टवेयरों के माध्यम से ही कंप्यूटर को आदेश दे पाना संभव हो पाता है। कंप्यूटर केवल बाइनरी भाषा समझता है, जो विद्युत के ‘आन’ और ‘आफ’ पर आधारित होते है। सॉफ्टवेयरों में इनके विभिन्न संयोजन तैयार किए जाते हैं, जिनसे की भाँति-भाँति के आदेश दिए जा सकें। एक सॉफ्टवेयर के अंतर्गत कंप्यूटर निर्देश, प्रोग्राम, लाइब्रेरी और संबंधित डाक्यूमेंटेशन होता है। सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं – सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर। अत: कंप्यूटर के डायग्राम में सॉफ्टवेयर की स्थिति इस प्रकार है -
सॉफ्टवेयर के दोनों प्रकारों के संक्षेप में इस प्रकार समझा जा सकता है –
सिस्टम सॉफ्टवेयर
यह एक ऐसा प्रोग्राम है जो सीधे-सीधे कंप्यूटर के हार्डवेयर से जुड़ा होता है और उसे संचालित तथा नियंत्रित करता है। इसके अलावा यह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयरों को इंस्टाल करने तथा उनका प्रयोग करने का उचित वातावरण भी प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में यह हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच की कड़ी है। सिस्टम सॉफ्टवेयर के दो भाग किए जा सकते हैं – ऑपरेटिंग सिस्टम और यूटिलिटी प्रोग्राम।
ऑपरेटिंग सिस्टम - यह कंप्यूटर के हार्डवेयर रिसोर्सेस (Hardware Resources), जैसे- मेमोरी (Memory), प्रोसेसर (Processor) तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस (Input-Output Divices) को व्यवस्थित करता है। इसके द्वारा निर्देशों (commands) और आँकड़ों (data) को संचालित और नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा यह कंप्यूटर के रिसोर्सेस के प्रयोग को भी व्यवस्थित करता है। इसमें दिए गए निर्देशों के आधार पर ही कंप्यूटर के सभी भाग एक दूसरे से मिलकर कार्य करते हैं, डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर (एक मेमोरी में या एक मेमोरी से दूसरी मेमोरी में) ले जाना और आउटपुट को प्रदर्शित करना आदि। ऑपरेटिंग सिस्टम का कोर भाग केरनल (kernel) कहलाता है जो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयरों के लिए API (application
programming interface) निर्धारित करता है। कंप्यूटर की विभिन्न डिवाइसेस को संचालित करने के लिए डीवाइस ड्राइवर रहते हैं। इसके अलावा प्रयोगकर्ता को सूचनाएँ प्रदर्शित करने के लिए यूजर इंटरफेस रहता है जो अभी हमें चित्रात्मक दिखाई पड़ता है। इसे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) कहा जाता है।
आपरेटिंग सिस्टम के कार्य - आपरेटिंग सिस्टम अनेक कार्य करता है जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
1.
फाइल पद्धति (File System) - फाइल बनाना, मिटाना तथा फाइलों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना और फाइल निर्देशिका को व्यवस्थित करना।
2.
प्रक्रिया (Processing) - कार्यक्रमों (Programs) और आँकडों (Data) को मेमोरी मे बाँटना, प्रक्रिया (Process) को आरंभ करके समुचित रूप से चलाना।
3.
इनपुट/आउटपुट (input/output) - सीपीयू और मॉनिटर (Monitor),
प्रिंटर (Printer), डिस्क (Disk) आदि के बीच संबंध स्थापित करना।
आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - वैसे तो विभिन्न कालों में विभिन्न आपरेटिंग सिस्टमों का निर्माण हुआ पर प्रमुख रूप से प्रयोग किए जाने वाले लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम की सूची इस प्रकार है:
1.
लिनक्स (Linux)
2.
मैक एस (MacOS)
3.
एमएस डाज (MS-DOS)
4.
आईबीएम ओएश/2 (IBM OS/2)
5.
यूनिक्स (Unix)
6.
विन्डोज सीई (Windows CE)
7.
विन्डोज 3.x (Windows 3.x)
आपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएँ - ऑपरेटिंग सिस्टम की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1.
स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट)
2.
बहु कार्यकलापन (मल्टी प्रोग्रामिंग)
3.
मल्टी प्रोसेसिंग
4.
मल्टी टास्किंग
5.
मल्टी थ्रेडिंग
6.
रियल टाइम
आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार – इसे निम्नलिखित दो आधारों पर देखा जा सकता है -
·
उपयोगकर्ता के आधार पर प्रकार
1.
एकल उपयोगकर्ता: इस में समय मे केवल एक उपयोगकर्ता काम कर सकता है।
2.
बहुल उपयोगकर्ता: इस में एक से अधिक उपयोगकर्ता एक ही समय मे काम कर सकते हैं।
·
काम करने के आधार पर प्रकार
1.
कैरेक्टर यूजर इंटरफेस: इसमें उपयोगकर्ता सिस्टम को कैरेक्टर्स के माध्यम से सूचना देता है। उदाहरण: डॉस,यूनिक्स
2. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस: इसमें उपयोगकर्ता कम्प्यूटर से चित्रो के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करता है। उदाहरण: विन्डोज़, लाईन्कस
यूटिलिटी प्रोग्राम - यूटिलिटी प्रोग्राम ऐसे प्रोग्राम हैं जो कंप्यूटर को विश्लेषण, configure, optimize और रखरखाव में सहायता करते हैं, जैसे – वायरस आदि से रक्षा करना।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वे सॉफ्टवेयर हैं जो प्रयोगकर्ता के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। ये अलग-अलग प्रकार के कार्यों को संपन्न करने के लिए होते हैं। एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा एक ही प्रकार का कार्य संपन्न किया जा सकता है। ये सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर पर ही रन करते हैं और प्रयोगकर्ता को काम करने की सुविधा प्रदान करते हैं। कोई भी प्रयोगकर्ता सीधे-सीधे सिस्टम सॉफ्टवेयर में काम नहीं कर सकता, उसे अपना कार्य करने के लिए संबंधित एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को इंस्टाल करना पड़ता है। इन्हें end-user
programs भी कहा जाता है। कुछ प्रचलित एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर इस प्रकार हैं –
Ø एम.एस. ऑफिस (वर्ड, पावर पाइंट, एक्सेल, एक्सेस)
Ø नोटपैड, वर्डपैड
Ø पेंट
Ø मीडीया प्लेयर, VLC, गूम प्लेयर
Ø इंटरनेट एक्सप्लोरर, गूगल क्रोम, मोज़िला फायरफॉक्स
Ø गेम संबंधी एप्लीकेशन्स
आदि।
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