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Sunday, September 29, 2019

भाषा और साहित्य


भाषा और साहित्य
भाषा क्या है? (परिभाषा, विशेषताएँ)
साहित्य क्या है?
साहित्य एक भाषिक कला है। जब हम कलात्मक रूप से कोई भाषिक अभिव्यक्ति इस तरह से करते हैं कि उसमें सौंदर्य होता है और इस कारण उसे बार-बार पढ़ा या देखा जा सकता है तो वह साहित्य है।
भाषा + कलात्मकता = साहित्य
कलात्मकता = सौंदर्य, सहित भाव (समाज के हित का भाव) à नैतिक शिक्षा, वस्तुस्थिति-दर्शन, संदेश।


वेन आरेख-
प्रश्न- वह कौन-सा तत्त्व है जो भाषा को साहित्य बनाता है? या कलात्मक सौंदर्य उत्पन्न करता है?
उत्तर- शैली ।
शैली (Style) – जब व्यवहार में सामान्य से हटकर नई विधि का प्रयोग किया जाता है तो उसे शैली कहते हैं। जब भी किसी व्यवहार क्षेत्र में एक से अधिक विधियाँ विकसित होती हैं तो वहाँ प्रयोक्ता को चुनने की सुविधा मिल जाती है। अतः एक से अधिक विधियों में से किसी एक का चयन शैली है, जैसे- भारतीय शैली, पाश्चात्य शैली।
भाषा और साहित्य की दृष्टि से देखें तो जब सामान्य भाषिक व्यवहार से हटकर नई विधि से लेखन किया जाता है तो उत्पन्न होने वाली रचना सामान्य भाषिक बात न होकर साहित्य बन जाती है। भाषाविज्ञान में शैली के रूप में उन तत्वों का अध्ययन किया जाता है जो एक भाषिक रचना को साहित्य बना देते हैं। इसके लिए शैलीविज्ञान नामक शाखा कार्य करती है।

शैलीविज्ञान में शैली का विश्लेषण मुख्य रूप से दो प्रतिमानों के माध्यम से किया जाता है- अग्रप्रस्तुति और शैलीचिह्नक। अग्रप्रस्तुति के चार अभिकरण होते हैं- विचलन, समानांतरता, विपथन और विरलता।

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