इसका
अध्ययन मनोभाषाविज्ञान के अंतर्गत किया जाता है। मानव मन ‘भाषा’ का आधार है।
इसमें अध्ययन-विश्लेषण के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-
·
भाषा
अर्जन (Language Acquisition)- मानव शिशु द्वारा परिवेश से मातृभाषा को
स्वतः सीखना।
भाषा अर्जन के चरण – बबलाना (Babbling), एक शब्दीय उच्चारण,
द्विशब्दीय उच्चारण, खंडित वाक्य,
वाक्य।
Critical Period- वह समयावधि जिसमें भाषा का
इनपुट आवश्यक है। 06 माह से 06 साल।
·
भाषा
अधिगम (Language Learning)- औपचारिक शिक्षण के माध्यम से सीखाए जाने पर
भाषा सीखना।
·
मस्तिष्क
में भाषा क्षेत्र – ब्रोका क्षेत्र = भाषा
उत्पादन (बोलना और लिखना), वरनिके
क्षेत्र = भाषा बोधन (समझना)
नोट: ब्रोका और वरनिके दोनों डॉक्टर थे।
भाषा संबंधी
मनोविकार –
·
अफेजिया (Aphasia)- ब्रोका अफेजिया, वरनिके अफेजिया
·
डिमेंशिया
(Dementia)- short term memory loss
·
हकलाना
·
तुतलाना
·
Alzheimer
(उम्र के साथ भूलने की बिमारी)
आदि।
भाषा बोधन – हम भाषिक अभिव्यक्तियों को कैसे समझते
हैं।
प्रमस्तिष्क
प्रधानता (cerebral dominance) –
मस्तिष्क का बायाँ भाग दाएँ भाग से अधिक सक्रिय या प्रधान होता है।
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