पाठ विश्लेषण (Text Analysis) : विशेष व्याख्यान - प्रो. उमाशंकर उपाध्याय
Sep.2019
पाठ में निहित संदेश का वर्णन या व्याख्या करना पाठ
विश्लेषण है। इसमें पाठ की कथ्य संरचना और प्रकार्य का विश्लेषण किया जाता है। यह
संप्रेषणविज्ञान के अंतर्गत आने वाला कार्य है। पाठ विश्लेषण के चार पक्ष हैं-
(1) वाग्मयतापरक पक्ष (Rhetorical aspect)- यह वक्तृत्व कला का क्षेत्र है। इस दृष्टि से
यह देखा जाता है कि पाठ में श्रोताओं या पाठकों को अपने उद्देश्य के अनुसार आकर्षित
(persuade) करने की कितनी शक्ति है अथवा आकर्षित करने के लिए किन
शक्तियों का प्रयोग किया गया है। इस चरण में उसकी पहचान विश्लेषण और निर्धारण का
कार्य किया जाता है।
(2) कथ्य्परक पक्ष (Content-oriented aspect)- पाठ
के संदेश या कथ्य का वर्णन और व्याख्या करना इसके अंतर्गत आता है। इसमें कथ्य का
अर्थ देखा जाता है और उसमें कितने संदेश या कितने प्रकार के संदेश छुपे हुए हैं?
को देखा जाता है।
(3) अंतरवैयक्तिक पक्ष (Interpersonal aspect)- इस पक्ष में यह देखते हैं कि अंतरक्रिया के
लिए किन शब्द या वाक्य घटकों और गैर-शाब्दिक घटकों (non-verbal
components) का प्रयोग किया गया है।
कुछ गैर शाब्दिक
घटकों के उदाहरण इस प्रकार हैं-
आंखों से contact
स्पर्श
विशेष प्रकार की भाषिक
उक्तियों का प्रयोग
(4) निष्पादन (Performance)-
इसमें पाठ का परिणाम देखा
जाता है। अंतिम रूप से पाठ यह बताता है कि लोग कैसे सोचते हैं और कैसे कार्य करते
हैं।
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