भाषा
और समाज
समाज
विभिन्न संबंधों में आपस में जुड़े हुए लोगों का समूह
है।
भाषा
और समाज के बीच संबंध देखने की चार दृष्टियाँ हैं :
1. भाषा समाज को प्रभावित करती है।
(वाक्य-शब्द..) (पारिवारिक, अन्य)
सत्य (true)।
जैसे- हिंदी
में वाक्य देखकर बड़े-छोटे का संबोधन बताया जा सकता है -
(बड़े
व्यक्ति को ) à जाइए।
(छोटे
को) à जाओ।
अंग्रेजी
में दोनों के लिए एक ही होता है –
(बड़े व्यक्ति को ) à go.
(छोटे
को) à go.
2. समाज भाषा को प्रभावित करता है।
संरचना
(इकाइयाँ) संरचना
(संबंध)
(वाक्य-शब्द..) (पारिवारिक, अन्य)
सत्य (true)।
जैसे –
मानव संबंध बोधक शब्द उस भाषा में अधिक होते हैं जिसमें परिवार (संयुक्त तथा अन्य
संबंधों से युक्त) की धारणा अधिक शक्तिशाली और व्यापक हो। उदाहरण :
हिंदी अंग्रेजी
चाचा, मामा, फूफा - uncle
भाषा
को प्रभावित करने वाले समाज के तत्व
(क)
लिंग
·
पुरुष
की भाषा
·
स्त्री
की भाषा
·
नपुंसक
की भाषा
(ख)
आयु
·
बच्चों
की भाषा
·
युवाओं
की भाषा
·
वयस्कों
की भाषा
·
वृद्धों
की भाषा
(ग)
शिक्षा
·
अशिक्षितों
की भाषा
·
शिक्षितों
की भाषा
(घ)
धर्म
·
हिंदु
·
मुसलमान
·
सिक्ख
·
ईसाई
(ङ) क्षेत्र
·
ग्रामीण
लोगों की भाषा
·
शहरी
लोगों की भाषा
(च)
वर्ग
·
उच्च
वर्ग की भाषा
·
मध्यम
वर्ग की भाषा
·
निम्न
वर्ग की भाषा
(छ) जाति
·
अगड़ी
जातियों की भाषा
·
पिछड़ी
जातियों की भाषा
·
अनुसूचित
जातियों की भाषा
·
जनजातियों
की भाषा
सामाजिक
संपर्क का भाषा पर प्रभाव
§ द्विभाषिकता और बहुभाषिकता
§ भाषा प्रभुत्व
§ भाषा शिफ्ट
§ भाषा मृत्यु
3. दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।
सत्य (true)।
4. कोई किसी को प्रभावित नहीं करता।
कुछ
भाषावैज्ञानिकों (जैसे- चॉम्स्की) ने माना है। इनके अनुसार भाषा मानव मस्तिष्क में
होती है। यह एक अमूर्त व्यवस्था है।* भाषा की मूल संरचना मानव मस्तिष्क
में होती है। मानव शिशु व्यवहार से इसके विविध प्रयोगों को सीखता है। चूँकि भाषा
मूलत: मस्तिष्क में रहती है इसलिए यह समाज से प्रभावित नहीं होती या समाज को
प्रभावित नहीं करती।
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