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Thursday, October 10, 2019

भाषा और समाज


भाषा और समाज
समाज विभिन्न संबंधों में आपस में जुड़े हुए लोगों का समूह है।
भाषा   à     मनुष्य ß     समाज


भाषा और समाज के बीच संबंध देखने की चार दृष्टियाँ हैं :
1.     भाषा समाज को प्रभावित करती है।
  भाषा                                  समाज

संरचना (इकाइयाँ)                          संरचना (संबंध)
      (वाक्य-शब्द..)                        (पारिवारिक, अन्य)

सत्य (true)
जैसे- हिंदी में वाक्य देखकर बड़े-छोटे का संबोधन बताया जा सकता है ‌-
(बड़े व्यक्ति को )        à जाइए।
(छोटे को)                 à जाओ।
अंग्रेजी में दोनों के लिए एक ही होता है –
 (बड़े व्यक्ति को )                 à go.
(छोटे को)                          à go.

2.     समाज भाषा को प्रभावित करता है।
भाषा                                   समाज

संरचना (इकाइयाँ)                          संरचना (संबंध)
      (वाक्य-शब्द..)                        (पारिवारिक, अन्य)
सत्य (true)
जैसे – मानव संबंध बोधक शब्द उस भाषा में अधिक होते हैं जिसमें परिवार (संयुक्त तथा अन्य संबंधों से युक्त) की धारणा अधिक शक्तिशाली और व्यापक हो। उदाहरण :
हिंदी                                                    अंग्रेजी
चाचा, मामा, फूफा      -                            uncle
भाषा को प्रभावित करने वाले समाज के तत्व
(क) लिंग
·       पुरुष की भाषा
·       स्त्री की भाषा
·       नपुंसक की भाषा
(ख) आयु
·       बच्चों की भाषा
·       युवाओं की भाषा
·       वयस्कों की भाषा
·       वृद्धों की भाषा
(ग) शिक्षा
·       अशिक्षितों की भाषा
·       शिक्षितों की भाषा
(घ) धर्म
·       हिंदु
·       मुसलमान
·       सिक्ख
·       ईसाई
(ङ) क्षेत्र
·       ग्रामीण लोगों की भाषा
·       शहरी लोगों की भाषा
(च) वर्ग
·       उच्च वर्ग की भाषा
·       मध्यम वर्ग की भाषा
·       निम्न वर्ग की भाषा
(छ) जाति
·       अगड़ी जातियों की भाषा
·       पिछड़ी जातियों की भाषा
·       अनुसूचित जातियों की भाषा
·       जनजातियों की भाषा


सामाजिक संपर्क का भाषा पर प्रभाव
§  द्विभाषिकता और बहुभाषिकता
§  भाषा प्रभुत्व
§  भाषा शिफ्ट
§  भाषा मृत्यु
3.     दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।
सत्य (true)

4.     कोई किसी को प्रभावित नहीं करता।
कुछ भाषावैज्ञानिकों (जैसे- चॉम्स्की) ने माना है। इनके अनुसार भाषा मानव मस्तिष्क में होती है। यह एक अमूर्त व्यवस्था है।* भाषा की मूल संरचना मानव मस्तिष्क में होती है। मानव शिशु व्यवहार से इसके विविध प्रयोगों को सीखता है। चूँकि भाषा मूलत: मस्तिष्क में रहती है इसलिए यह समाज से प्रभावित नहीं होती या समाज को प्रभावित नहीं करती।

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