हिंदी शब्दावली शिक्षण
शब्द किसी भी भाषा के
आधारभूत घटक होते हैं। भाषा शिक्षण में लक्ष्य भाषा (जिस भाषा का शिक्षण हो रहा
है) के शब्दों ज्ञान कराना अतिआवश्यक होता है। अन्य भाषा के रूप में हिंदी का
शिक्षण करते समय भी हिंदी शब्दावली का ज्ञान शिक्षार्थियों को कराया जाता है।
चूँकि भाषा शिक्षण एक सीमित समय में की जाने वाली प्रक्रिया है, इसलिए हिंदी के सभी शब्दों को सिखा पाना या
याद करा पाना संभव नहीं है। इसलिए कुछ अतिआवश्यक या महत्वपूर्ण शब्दों का चयन करके
उनका शिक्षण किया जाता है। इन्हें इस प्रकार से वर्गीकृत कर सकते हैं-
1. आधारभूत शब्दावली और
पर्याय
वे शब्द जिनकी आवश्यकता
दैनिक व्यवहार में प्रायः पड़ती रहती है, आधारभूत शब्दावली में आते हैं। उदाहरण के लिए-
(क) भोजन संबंधी
शब्दावली
(ख) वस्त्र एवं पहनावे
(ग) दैनिक क्रिया-कलाप
(घ) पशु-पक्षियों के नाम
(ङ) शरीर के अंग
कुछ चीजों के लिए एक से
अधिक नाम प्रचलित होते हैं। अतः ऐसे सभी शब्दों या नामों का शिक्षण किया जाना
चाहिए।
2. सांस्कृतिक शब्दावली
प्रत्येक देश और समाज की
अपनी संस्कृति होती है। उसकी भाषा में इसके लिए विशिष्ट शब्द होते हैं जो दूसरी
भाषाओं में प्रायः नहीं पाए जाते। हिंदी में भी भारतीय संस्कृति से संबंधित अनेक
प्रकार के शब्द हैं जिनका शिक्षण किया जाना चाहिए। ऐसे शब्दों का शिक्षण संदर्भ के
साथ किया जाना चाहिए, जैसे-
(क) त्योहारों के नाम
(ख) तीर्थ स्थल
(ग) लोक-संस्कृति के
शब्द (सिंदूर, जनेऊ, पादुका आदि)
3. शब्द-संरचना शिक्षण, शब्दशिक्षण विधि
हिंदी शब्दावली का
शिक्षण करते समय शब्दों की आंतरिक संरचना के बारे में भी बताया जाना चाहिए। इसमें निम्नलिखित
बातों को सम्मिलित किया जा सकता है-
(क)
शब्दों में वर्ण और मात्राएँ
(ख) मूल शब्द और उपसर्ग, प्रत्यय
(ग) संधि और समास द्वारा
शब्द निर्माण
4. संदर्भ से अर्थग्रहण
कुछ शब्दों के एक से
अधिक अर्थ होते हैं। अतः अन्य भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण करते हुए
शिक्षार्थियों को कुछ अतिप्रचलित शब्दों के एकाधिक अर्थों में से वास्तविक अर्थ को
संदर्भ से समझना भी सिखाया जाना चाहिए, जैसे-
सोना – एक धातु (Gold), क्रिया (sleep)
अब मुझे सोना चाहिए।
हार – आभूषण, पराजय
भारतीय टीम को हार मिली।
5. कार्यालयी हिंदी शिक्षण और शब्दावली
इसके अंतर्गत
प्रयोजनमूलक हिंदी के महत्वपूर्ण पक्ष आते हैं, जैसे-
(क) कार्यालयी हिंदी की
शब्दावली
(ख) प्रार्थना-पत्र लेखन
(ग) आवश्यकतानुसार अन्य
(टिप्पणी, सूचना, अधिसूचना आदि)
कार्यालयी व्यवहार के लिए
भारत सरकार द्वारा प्रायोजित वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली निर्माण आयोग द्वारा निर्मित
पारिभाषिक शब्दावली के शब्दों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment