संरचना की दृष्टि से
भाषा
भाषा ध्वनि प्रतीकों की
ऐसी व्यवस्था है जिसमें निरर्थक ध्वनियों के माध्यम से अर्थ और विचार का संप्रेषण
किया जाता है। संप्रेषण के लिए एक बार में कम-से-कम जिस ध्वनि-गुच्छ का प्रयोग
किया जाता है, उसे ‘वाक्य’ कहते हैं। ध्वनियों का समूहन वाक्य में करने
के लिए मानव मस्तिष्क को उनका संचयन और व्यवस्थापन कई छोटे और क्रमशः बड़े स्तरों
पर किया जाता है, जिन्हें भाषाविज्ञान में रूपिम, शब्द/पद, पदबंध और उपवाक्य के
रूप में विश्लेषित किया जाता है। एक से अधिक वाक्य आपस में मिलकर एक और बड़ी संगठित
इकाई का निर्माण करते हैं, जिसे ‘प्रोक्ति’ नाम दिया गया है। इन सभी इकाइयों और उन्हें गठित करने वाले नियमों को
संरचना की दृष्टि से देखा जाता है-
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