वाक्य में अन्य संबंध (कारकेतर संबंध)
वाक्य में कारक संबंधों से इतर संबंधों को अन्य संबंध कहते हैं। इसके अंतर्गत मुख्यतः
पूरक संबंध और संबंधवाची आते हैं, जिन्हें
विस्तार में इस प्रकार से देख सकते हैं- 
1. पूरक पदबंध
कोप्यूला वाक्यों में तीन
प्रकार के पद या पदबंध होते हैं- मुख्य पदबंध, पूरक पदबंध और कोप्यूला क्रिया। इन्हें सूत्र रूप में इस प्रकार से प्रदर्शित
कर सकते हैं- 
कोप्यूला वाक्य = मुख्य पदबंध +        पूरक
पदबंध   +       कोप्यूला
क्रिया
उदाहरण
                   मोहन             +       शिक्षक          + 
     है
इस प्रकार पूरक पदबंध की
परिभाषा देते हुए कहा जा सकता है कि-
“वे पदबंध जो कोप्यूला वाक्यों
में मुख्य पदबंध से संबंधित सूचना देते हैं, पूरक पदबंध का कार्य करते हैं।”
पूरक पदबंध तीन प्रकार के
होते हैं-
(1) संज्ञा पूरक पदबंध- जिन कोप्यूला वाक्यों में पूरक पदबंध के स्थान पर संज्ञा पद
शीर्ष के रूप में आते हैं, संज्ञा पूरक
पदबंध कहलाते हैं, जैसे-
·      
मोहन शिक्षक
है।
·      
रमेश बहुत
बड़ा खिलाड़ी है।
·      
वह मोहिनी
है।
(2) विशेषण पूरक पदबंध- जिन कोप्यूला वाक्यों में पूरक पदबंध के स्थान पर विशेषण पद
शीर्ष के रूप में आते हैं, विशेषण पूरक
पदबंध कहलाते हैं, जैसे-
·      
मोहन सुंदर
है।
·      
रमेश बहुत
लंबा है।
·      
वह चित्र
मनमोहक है।
(3) क्रियाविशेषण पूरक पदबंध- जिन कोप्यूला वाक्यों में पूरक पदबंध के स्थान पर क्रियाविशेषण
पद शीर्ष के रूप में आते हैं, क्रियाविशेषण
पूरक पदबंध कहलाते हैं। प्रो. सूरजभान सिंह (2000) द्वारा ‘हिंदी
का वाक्यात्मक व्याकरण’ में परसर्गीय पदबंध के रूप में आने वाले
संज्ञा पदबंधों को ही क्रियाविशेषण पूरक पदबंध कहा गया है, जैसे-
·      
मोहन घर
में है।
·      
शीला छत
पर है।
अपने मूल स्वरूप में ये पदबंध
अधिकरण को दर्शाते हैं। अतः इन पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
 2. संबंधवाची
किसी वाक्य में आए हुए दो या दो से अधिक संज्ञा पदों या पदबंधों को आपस में जोड़ने
के लिए जिसका प्रयोग होता है, उसे
संबंधवाची कहते हैं। हिंदी में इसके लिए ‘का/के/की’ (रा/रे/री) का प्रयोग किया जाता है। संस्कृत में इसके लिए षष्ठी विभक्ति का
प्रयोग किया जाता है। इस कारण कुछ विद्वानों इसे ‘संबंध कारक’ भी कहा गया है। किंतु चूँकि यह संज्ञा पदबंध को वाक्य की मुख्य क्रिया से
नहीं जोड़ता, इसलिए अधिकांश विद्वानों द्वारा इसे कारक से इतर
अन्य संबंध के अंतर्गत रखा गया है। 
उदाहरण-
·       राम की पुस्तक
·       मेरी कलम
·       उसके भाई का बेटा
·       तुम्हारे काम का आदमी
 
 
 
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