शब्द-निर्माण की प्रक्रिया और
संधि
भाषा सतत् प्रवाहशील है। समय के साथ
इसमें निरंतर नए शब्द जुड़ते रहते हैं। भाषायी समाज की प्रगति के साथ नई-नई
संकल्पनाएँ भाषा में आती हैं और उनके लिए नए-नए शब्दों की आवश्यकता पड़ती है। विश्व
की लगभग सभी भाषाओं में नए शब्द निर्मित करने के लिए मूलतः दो प्रक्रियाओं का
प्रयोग किया जाता है-
(क)
बद्ध रूपिमों (उपसर्ग,
प्रत्ययों) का योग
(ख)
एकाधिक शब्दों का योग
जब हम एक से अधिक शब्दों को जोड़कर कोई
नया शब्द बनाते हैं, तो इस प्रक्रिया को
समास कहते हैं। चूँकि इसमें दो शब्दों को जोड़ा जाता है इसलिए यह एक रूपवैज्ञानिक (Morphological)
प्रक्रिया
है, क्योंकि रूपविज्ञान (Morphology)
का विस्तार ‘रूपिम से शब्द/पद’
तक है। हम जानते हैं कि रूपविज्ञान में दो प्रकार की रूपिमिक प्रक्रियाओं का
अध्ययन किया जाता है-
·
व्युत्पादन
·
रूपसाधन
एक से अधिक शब्दों को जोड़कर नया शब्द
बनाने की प्रक्रिया (समास) व्युत्पादन (Derivation) के
अंतर्गत आता है। ‘समास’
को अंग्रेजी में ‘Compounding’ कहते
हैं और ‘सामासिक शब्द’
को ‘Compound Word’ कहते हैं।
संधि व्युत्पादन या रूपसाधन की प्रक्रिया
नहीं है। अतः हम कह सकते हैं कि संधि नए शब्द बनाने की प्रक्रिया नहीं है। एक से
अधिक शब्दों को जोड़ने में दो प्रकार की प्रक्रियाएँ एक साथ कार्य करती हैं-
प्रक्रिया-01 =>
शब्द + शब्द = (संकल्पना + संकल्पना)
प्रक्रिया-02 =>
शब्द + शब्द = (ध्वनि समूह+ ध्वनि समूह)
जारी (Continue)
............
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