वार्ता (Conversation)
वह
प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक लोग आपस में विचारों का आदान-प्रदान करते
हैं, वार्ता कहलाती है। हम अपने दैनिक जीवन
में सदैव वार्ता के माध्यम से ही एक-दूसरे के साथ अंतरक्रिया करते हैं। यह दो
प्रकार की होती है- अनौपचारिक और औपचारिक। अनौपचारिक वार्ता हम अपने घर-परिवार में
सदैव करते ही रहते हैं। औपचारिक वार्ता औपचारिक परिस्थितियों में की जाती है। वहां
पर कुछ भी या कैसे भी नहीं बोला जा सकता, बल्कि हमें
कौशलपूर्ण तरीके से अपनी बात रखनी होती है। एक ही विषय पर कुछ लोग जब अपनी बात
रखते हैं तो श्रोता उसे बेहतर तरीके से समझ जाते हैं और कुछ लोग अपनी बात रखते हैं
तो श्रोताओं को समझने में कठिनाई होती है, या वे समझ
नहीं पाते। अतः वार्ता में अपनी बात ठीक से रखने के लिए वक्ता जिन विधियों और तकनीकों
का प्रयोग करता है, उनका विश्लेषण भी प्रोक्ति विश्लेषण
के दौरान किया जाता है। इसे वार्ता विश्लेषण कहते हैं। वार्ता में सम्मिलित लोगों
के बीच चल रहे वार्तालाप के विश्लेषण की एक पारंपरिक पद्धति भी रही है जिसे exchange
structure कहते हैं किंतु वर्तमान में वार्ता विश्लेषण (conversation analysis) ही अधिक प्रचलित है।
बेहतर वार्ता (Better Conversation) के लाभ
यदि
ठीक तरीके से वार्ता की जाए तो उसके निम्नलिखित लाभ होते हैं-
· अपनी बात ठीक तरीके से समझा पाना।
· बेहतर आपसी समझ (Better understanding)
· अधिक आत्मविश्वास (self-confidence)
· कार्यस्थल पर प्रतिष्ठा (value) में वृद्धि
· संबंधों में प्रगाढ़ता
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