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Tuesday, August 10, 2021

सहकारिता सिद्धांत (Cooperative Principle)

सहकारिता सिद्धांत (Cooperative Principle)

वार्ता विश्लेषण के संबंध में ग्राइस (Paul Grice) द्वारा ‘सहकारिता सिद्धांत’ की बात की गई हैजिसे ‘Gricean pragmatics’ भी कहा जाता है। सहकारिता सिद्धांत (cooperative principle -CP) के अनुसार-

“Make your conversational contribution such as is required, at the stage at which it occurs, by the accepted purpose or direction of the talk exchange.” (Grice 1989, p. 26)

इस संबंध में देखा जाए तो ग्राइस ने वार्ता के कुछ सूक्तों की बात की हैजिन्हें ‘वार्ता के सूक्त’ (Maxims of Conversation) कहा जाता है। इनका उद्देश्य ‘जो कहा जाता है’ और ‘उसका जो अर्थ होता है’ दोनों के बीच की दूरी को खत्म करना है। ग्राइस ने "Logic and Conversation" (1975) और Studies in the Way of Words (1989) में निम्नलिखित 04 प्रकार के सूक्तों की बात की है-

(क) मात्रा का सूक्त (Maxim of quantity) : इसका संबंध वक्तव्य की सूचनात्मकता से है। इसके अनुसार वक्ता को उतना ही बोलना चाहिएजितने से पूरी सूचना आ जाए। उससे कम भी नहीं बोलना चाहिए और उससे ज्यादा भी नहीं।

(ख)   गुणवत्ता का सूक्त (Maxim of quality (truth)) : इसका संबंध वक्तव्य की गुणवत्ता से है। इसके अनुसार वक्ता को जो भी बोलना चाहिएउसकी ‘सत्यता’ (truth) का ध्यान रखना चाहिए। अर्थात अपने कथन में गलत तथ्य प्रस्तुत नहीं करने चाहिए या ऐसे तथ्यों की बात नहीं करनी चाहिए जिनके प्रमाण न हों।

(ग) संबंध का सूक्त (Maxim of relation (relevance)) इस सूक्त के अनुसार वक्ता को वही बातें करनी चाहिएजो बातचीत या विषय से संबंध रखती हों। ऐसा न हो कि उससे बाहर की चीजों पर बात कर रहा हो।

(घ) विधि का सूत्र (Maxim of manner (clarity)) : इस सूक्त के अनुसार वक्ता को अपनी बात स्पष्टता के साथ रखनी चाहिए। अर्थात जो भी कहा जाएवह ठीक तरीके से कहा जाना चाहिए। उसमें कठिनाईसंदिग्धार्थकता या बहुत व्यापकता नहीं होनी चाहिए। वक्ता का कथन स्पष्ट होना चाहिए उसके कई अर्थ न होते हों और कथन यथासंभव संक्षिप्त होना चाहिए। साथ ही इस सूक्त में ग्राइस ने कहा है कि वक्ता को आदेशपरक (orderly) होने से बचना चाहिए।

 यदि उपर्युक्त चारों सूक्तों को हम विश्लेषण की दृष्टि से देखेंतो प्रथम तीन का संबंध ‘क्या कहा गया है’ से हैतो चौथे का संबंध ‘कैसे कहा गया है’ से है।

 


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