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Monday, August 9, 2021

वाक् कार्य (Speech Act)

 वाक् कार्य (Speech Act)

प्रोक्ति विश्लेषण में हम यह मानकर चलते हैं कि जब कोई व्यक्ति कोई बात कहता है तो वह केवल एक भाषाई कथन ही नहीं अभिव्यक्त करता है बल्कि वह एक अभिकार्य भी संपन्न करता है उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति यह वाक्य बोले

 मुझे बहुत प्यास लगी है कहीं पानी मिलेगा क्या?

 इसमें व्यक्ति अपने प्यास लगने की सूचना ही नहीं दे रहा है बल्कि पानी प्राप्त करने की अपनी इच्छा भी व्यक्त कर रहा है जिसमें एक प्रकार का अनुरोध भी छुपा हुआ है वाक उत्पादन करते समय वक्ताओं द्वारा संपादित की जाने वाली इसी प्रकार की गतिविधियों को वाक अभिकार्य कहते हैं 

सुप्रसिद्ध ब्रिटिश भाषा दार्शनिक जे.एल. ऑस्टिन (John Langshaw Austin, 1911-1960) ने वाक् अभिकार्य पर विशेष रूप से काम किया है और वाक् अभिकार्य सिद्धांत (speech act theory) का प्रतिपादन किया है। इस संबंध में उनकी 1962 की कृति 'How to do things with words'उन्होंने वाक् अभिकार्य को 'the actions performed in saying something’ के रूप में देखा है और इनके विश्लेषण के तीन स्तरों की बात की है, जो इस प्रकार हैं-

वाकगत अभिकार्य (Locutionary act)

इसका संबंध अभिव्यक्ति में आए शब्दों के शब्दार्थ के संयोजन से व्यक्त अर्थ या सूचना से है। इसमें हम यह देखते हैं कि वक्ता ने क्या कहा है? अतः कुछ कहने का अभिकार्य वाकमय अभिकार्यहै। उदाहरण-

व्यक्ति क – चलिए चाय पीते हैं।

व्यक्ति ख – हाँ, यार, बहुत थकान हो गई है।

वाकांतर अभिकार्य (Illocutionary act)

यह वाक् अभिकार्य के विश्लेषण का दूसरा स्तर है। इसमें हम यह देखते हैं कि वक्ता उस कथन द्वारा क्या कर रहा है? अर्थात वह श्रोता के साथ कथन के माध्यम से किस प्रकार की अभिक्रिया कर रहा है, जैसे- अनुरोध, आदेश, सलाह, अभिकथन (Assertion) आदि अभिक्रिया करता है।

कुछ वाकांतर अभिकार्य इस प्रकार हैं-

 apologizing,

promising,

ordering,

answering,

requesting,

complaining,

warning,

inviting,

refusing,

congratulating.

प्रभावी अभिकार्य (Perlocutionary act)

इसका संबंध इस बात से है कि किसी वाक अभिकार्य के माध्यम से श्रोता से क्या कराया गया? या किसी वाक् कार्य का श्रोता पर क्या प्रभाव पड़ा? अतः यह वाक् अभिकार्य के उत्पादन के उपरांत उसके होने वाले संपादन से संबंधित है।

उपर्युक्त के संदर्भ में कुछ उपयुक्तता शर्तों (felicity conditions) की भी बात की जाती है। इसी प्रकार कुछ अप्रत्यक्ष वाक् अभिकार्य (indirect speech act) भी होते हैं।


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