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Monday, October 22, 2018

भाषा प्रौद्योगिकी : परिप्रेक्ष्य और अभिगम-2


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इकाई - 2  भाषा प्रौद्योगिकी के भाषावैज्ञानिक अभिगम
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किसी ज्ञानक्षेत्र कार्य करने के लिए प्रयोग की जाने वाली पद्धति को अभिगम कहते हैं।
2.1 ऐतिहासिक अभिगम
·       किसी भाषा और उसके क्षेत्रीय रूपों का ऐतिहासिक दृष्टि से विश्लेषण
·       विभिन्न भाषाओं के पुरातन रूपों की पहचान/स्थापना
·       भाषा परिवर्तन (ध्वनि, रूप, वाक्य और अर्थ परिवर्तन) का अध्ययन
·       भाषाओं का आकृतिमूलक और पारिवारिक वर्गीकरण
2.2 संरचनात्मक अभिगम
·       स्वनिमिक अध्ययन
·       रूपिमिक अध्ययन (रूपिम और शब्द/पद)
·       पदबंध स्तरीय अध्ययन
·       उपवाक्य स्तरीय अध्ययन
·       वाक्य स्तरीय अध्ययन
·       प्रोक्ति स्तरीय अध्ययन
·       अर्थ स्तरीय अध्ययन
2.3 प्रकार्यात्म‍क अभिगम
·       भाषा का मूल प्रकार्य संप्रेषण है। संप्रेषण की प्रक्रिया में प्रकार्य की दृष्टि से भाषा के कई पक्ष सामने आते हैं। उन सबका अध्ययन इसके अंतर्गत आएगा।
·       भाषा के प्रकार्य संवेगात्मगक (Emotive), निदेशात्मक (Conative), काव्यात्मक (Poetic), अधिभाषा वैज्ञानिक (Metalinguistic), संदर्भपरक (Referential), संबंधात्मक (Phatic)
·       भाषा के प्रकार्यात्मक पक्ष पर प्राग संप्रदाय (Prague School) द्वारा विस्तृत कार्य किया गया है।
·       Michael A. K. Halliday द्वारा भाषा के विश्लेषण का सिस्टेमिक प्रकार्यात्मक मॉडल (systemic functional linguistic model) दिया गया है।
·       इस दिशा में किए गए नए कार्यों में Robert Van Valin का ‘Role and reference grammar’ महत्वपूर्ण है।
·       प्रकार्यविदों के अनुसार भाषा के सभी स्तरों पर प्रकार्य होते रहते हैं। इनमें से मुख्य तीन को इस प्रकार से देखा जा सकता है-
1.     आर्थी प्रकार्य (Semantic function): जैसे- (AgentPatientRecipient आदि), describing the role of participants in states of affairs or actions expressed.
2.     वाक्यात्मक प्रकार्य (Syntactic functions): (जैसे- Subject and Object आदि) , defining different perspectives in the presentation of a linguistic expression.
3.     व्यावहारिक प्रकार्य (Pragmatic functions) : (Theme and RhemeTopic and FocusPredicate आदि), defining the informational status of constituents, determined by the pragmatic context of the verbal interaction.
2.4 प्रजनक अभिगम
भाषा के नियमों को गणितीय सूत्रों की तरह व्यक्त करना।
नोऑम चॉम्स्की द्वारा 1957 ई. में Syntactic Structures में रूपांतरक प्रजनक व्याकरण (Transformational Generative Grammar : TG Grammar) का प्रतिपादन किया गया।
इसके स्तर –
·       रूपांतरक प्रजनक व्याकरण :  क्लासिकी सिद्धांत (1957)
·       मानक सिद्धांत (Standard Theory) (1965)
·       विस्तारित मानक सिद्धांत (Extended Standard Theory) (1972-75)
·       संसोधित विस्तारित मानक सिद्धांत (Revised Extended Standard Theory-REST) = जी.बी. सिद्धांत (GB Theory) (1978-1988)
·      न्यूनतमवादी प्रोग्राम (Minimalist Program) (1995)
   विस्तार से पढ़ें-
https://lgandlt.blogspot.com/2019/04/blog-post_3.html


2 comments:

  1. अधिगम और अभिगम में क्या अंतर है?
    हम ने सीखने को अधिगम कहा है !

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  2. अधिगम = learning
    अभिगम = approach (अभिगम के लिए 'उपागम' शब्द भी चलाया गया)

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