संज्ञानात्मक विज्ञान (Cognitive Science)
संज्ञानात्मक विज्ञान वह विज्ञान है, जिसके अंतर्गत मानव संज्ञान से संबंधित सभी पक्षों का अध्ययन किया जाता
है। ‘संज्ञान’ मानव मन का एक भाग है, जो बाह्य संसार के मन में बोधन और उन पर की जाने वाली समस्त प्रकार की
क्रियाओं से संबंधित है। अतः संज्ञानात्मक विज्ञान उन सभी क्रियाओं और उन क्रियाओं
को संपन्न करने के लिए लगने वाली युक्तियों का अध्ययन करता है।
संज्ञानात्मक विज्ञान की विषय वस्तु
के अंतर्गत निम्नलिखित बातों का मुख्य रूप से समावेश किया जाता है-
· मानव
संज्ञान के स्वरूप एवं स्थिति का विश्लेषण तथा विवेचन।
· मानव
संज्ञान की प्रकृति और उसके द्वारा संपन्न किए जाने वाले कार्यों का अध्ययन।
· मानव
संज्ञान के अंतर्गत आने वाली मन की युक्तियों का अध्ययन,
जिसके अंतर्गत मानव बुद्धि, तर्क, ज्ञानेंद्रियों द्वारा बोधन आदि सभी प्रकार की बातें आती है।
संज्ञानात्मक विज्ञान मूलतः इस बात पर केंद्रित
होता है कि हम बाह्य संसार से प्राप्त ज्ञान के आधार पर सूचनाओं का निर्माण और
उनका आदान-प्रदान कैसे करते हैं और उनमें कौन-कौन सी मानसिक युक्तियँ या इकाइयाँ
काम करती हैं। अतः इसमें मनुष्य की ‘समझने’ और ‘अभिव्यक्त करने’ की
प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया जाता है।
वैसे तो संज्ञानात्मक विज्ञान
मनोविज्ञान का एक क्षेत्र जान पड़ता है, किंतु
वास्तव में यह एक विस्तृत अंतरानुशासनिक विषय है, जिसमें
अध्ययन की संपूर्णता के लिए निम्नलिखित विषयों की आवश्यकता पड़ती है-
मनोविज्ञान
(psychology), भाषाविज्ञान (linguistics), दर्शनशास्त्र
(philosophy), न्यूरोशास्त्र (neuroscience),
नृविज्ञान/मानवशास्त्र (anthropology) आदि।
वर्तमान संदर्भ में तकनीकी अनुप्रयोग की दृष्टि
से देखा जाए तो कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence-AI) के क्षेत्र में संज्ञानात्मक विज्ञान और इसके अध्ययन से प्राप्त ज्ञान
सामग्री की अत्यधिक उपयोगिता रही है। कृत्रिम बुद्धि का उद्देश्य मानव बुद्धि की
प्रकृति को समझना और उसकी युक्तियों को मशीन में स्थापित करना है, जिसके माध्यम से मशीन द्वारा भी मानव बुद्धि संबंधी कार्य संपन्न कराए जा
सकें। संज्ञानात्मक विज्ञान द्वारा किए गए अध्ययन से प्राप्त ज्ञान इसमें अत्यंत
उपयोगी होता है। अतः तकनीकी दृष्टि से की मांग पिछले कुछ दशकों में बहुत तेजी से
बढ़ी है।
संज्ञानात्मक
विज्ञान में ‘संज्ञान’
के लिए ‘Cognitive
faculty’ पारिभाषिक शब्द का
भी प्रयोग किया जाता है। अतः ‘Cognitive
faculty’ की दृष्टि से संज्ञानात्मक
विज्ञान में यह विचार का विषय होता है कि ‘Cognitive faculty’ का अस्तित्व किस रूप में है? क्या
यह स्वतंत्र है या मन की अन्य इकाइयों से संबद्ध है? यदि
हाँ तो किस रूप में। सभी प्राणियों के मस्तिष्क या मन में ‘Cognitive faculty’ की भूमिका को देखते हुए क्या उन्हें ‘cognitive systems’ कहा जा सकता है?
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