कंप्यूटर स्टोरेज : ड्राइव, फोल्डर, ब्रीफकेस, कंप्रेस्ड फोल्डर
(Computer Storage : Drive, Folder, Briefcase, Compressed Folder)
(Computer Storage : Drive, Folder, Briefcase, Compressed Folder)
कंप्यूटर में किसी फाइल को निर्मित करने बाद उसे स्टोर किया जाता है। हम सभी जानते
हैं कि स्टोर करने का कार्य स्मृति (मेमोरी) में होता है, जिसे स्टोरेज डिवाइस कहते हैं। किंतु अलग-अलग प्रकार की स्टोरेज
डिवाइसें होती हैं। उनमें भी एक ही डिवाइस में बहुत सारी फाइलें रखी जाती हैं। अत:
उन्हें ‘फोल्डर’ द्वारा अलग-अलग संग्रहीत
किया जाता है। सभी प्रकार की स्टोरेज डिवाइसों की सूचना ‘माई
कंप्यूटर’ या ‘कंप्यूटर’ को डबल क्लिक करके देखा जा सकता है। पुराने कंप्यूटरों में ‘माई कंप्यूटर’ लिखकर आता है और आधुनिक कंप्यूटरों (नए
ऑपरेटिंग सिस्टम से युक्त – विंडोज-7 और आगे) में ‘कंप्यूटर’ लिखकर आता है। नीचे एक पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर की इमेज दी जा
रही है जिसमें विभिन्न स्टोरेज डिवाइसों को दिखाया गया है -
इसमें दिखाई जा गई डीवाइसें अलग-अलग प्रकार की मेमोरी
डिवाइसों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन्हें सामान्य भाषा में ड्राइव कहा जाता है। उपर्युक्त
चित्र में ‘ड्राइव-A’ फ्लॉपी डिस्क को सूचित करता है।
‘ड्राइव-C,D और E’ हार्ड
डिस्क को प्रदर्शित करते हैं। ‘ड्राइव-F’ रीड-राइट डीवीडी को और ‘ड्राइव-G’ रीड-राइट सीडी को प्रदर्शित करते हैं। अत: ये कुल 6 ड्राइवें हैं जो इस कंप्यूटर
में लगी हुई हैं। इनमें से किसी में भी डाटा या फाइल को सुरक्षित किया जा सकता है।
विंडोज-7 ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर में यह विंडो इस प्रकार खुलेगी –
इसमें काम करने के लिए आवश्यक क्षेत्रों को अंकित किया गया है। संक्षेप में इनका
विवरण इस प्रकार है –
1. यह मीनूबार है, जिसमें File, Edit, View, Tools और Help मीनू हैं। सामान्यत: यह हाइड (छुपा हुआ) रहता
है। इसे ‘organize’ के अंतर्गत क्लिक करके लाया और छुपाया जाता
है।
2. इसमें बैकवर्ड (पीछे) और फॉरवर्ड (आगे) दो बटनें हैं। यदि एक फोल्डर के अंतर्गत
कई फोल्डरों में बारी-बारी से काम किया गया है तो बैकवर्ड को क्लिक करके पिछली स्थिति
में जा सकते हैं।
3. यह एड्रेस बार है, अभी आप जिस फोल्डर या ड्राइव में होंगे, उसकी सूचना इसमें होगी, जैसे – अभी केवल computer
को खोला गया है।
4. यह सर्च बाक्स है। किसी ड्राइव में कोई फाइल/ फोल्डर है कि नहीं, यदि यह देखना है तो इसमें उस फाइल/फोल्डर का नाम लिखकर इंटर बटन
दबाएँ या सर्च बटन को क्लिक करें।
5. इसे Navigation pane कहते हैं। इसमें संबंधित ड्राइव, फोल्डर, फाइल आदि को ट्री फॉर्म में देख सकते हैं। इसमें
कंप्यूटर के सभी स्टोरेज क्षेत्रों को मुख्यत: तीन शिर्षकों के अंतर्गत दिखाया जाता
है – Favorites, Liberaries और Computer. इसके अलावा इसमें Homegroup और Network भी रहते हैं।
6. इसे Preview pane कहते हैं। यदि किसी फाइल आदि को
क्लिक करके सलेक्ट किया जाता है तो इसमें उसका प्रिव्यू दिखाया जाता है, जैसे – यदि आपने किसीचित्र फाइल को क्लिक किया है तो वह चित्र इसमें दिखाई
देगा।
7. इसे Details pane कहा जाता है। इसमें संबंधित फाइल, फोल्डर या ड्राइव से संबंधित मुख्य सूचनाओं को दिया जाता है।
फोल्डर – फोल्डर कंप्यूटर में सामग्री
संग्रह का एक स्थान है। इसे किसी कमरे की एक आलमारी या आलमारी के खाने के रूप में समझा
जा सकता है। किसी भी स्टोरेज स्थान में फोल्डर निर्मित किया जा सकता है। इसके लिए वहाँ
माउस का राइट बटन क्लिक करके आने वाले मीनुओं में से New और इसके
बाद Folder को क्लिक करते हैं –
अब आने वाला नया फोल्डर इस प्रकार होगा –
इसमें लिखा हुआ New folder नीले रंग का है तो इसका नाम कुछ
भी रखा जा सकता है। यदि नाम लिखने से पहले बाहर क्लिक कर दिया जाए तो ऐसा दिखने
लगेगा -
अब इसका नाम बदलने के लिए राइट क्लिक करके rename पर क्लिक करना होगा।
ये फोल्डर ड्राइव में
सूचीबद्ध रूप से (listed) और आइकॉन के रूप में (with icons) किसी भी प्रकार के हो सकते हैं।
सूचीबद्ध रूप
में–
अलग–अलग आइकॉन के रूप में –
ब्रीफकेस – फोल्डर की तरह ब्रीफकेश भी निर्मित की जाती हैं, इनमें फाइलों आदि को संग्रहीत किया जाता है। इसे बनाने के लिए माउस का राइट बटन क्लिक करें और ब्रीफकेस चुनें–
कंप्रेस्ड फाइल – विभिन्न सॉफ्टवेयरों के माध्यम से
कंप्रेस्ड या जिप फाइलें बनाई जाती हैं। winRar इसके
लिए अतिप्रचलित सॉफ्टवेयर है। इसके माध्यम से कई फाइलों को कम स्पेस में कंप्रेस
करके एक स्थान से दूसरे स्थान पर अत्यंत सरलता से भेजा सकता है। इस कार्य के लिए
संबंधित फाइल/फोल्डर पर राइट क्लिक करें –
इसके बाद Add to Archive… या Add to
“File Name.rar” पर क्लिक करके कंप्रेस्ड फाइल निर्मित की जा सकती
है। निर्माण के बाद फाइल इस प्रकार दिखेगी –
इसे डबल क्लिक करके खोलने पर इस प्रकार खुलेगी –
अब इसमें फाइल/फोल्डर नेम पर डबल क्लिक करके संबंधित फाइलों को खोला जाता है।
मेमोरी में ज्यादा स्थान लेने वाली फाइलों को कंप्रेस करके छोटा किया जा सकता है।
इससे डाटा लॉस भी नहीं होता। यह ई-मेल के लिए अत्यधिक उपयुक्त है, क्योंकि फाइल साइज छोटा कर देने से अपलोड और डाउनलोड होने में
देर नहीं लगती।
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