भाषा शिक्षण और मूल्यांकन का संबंध
वर्तमान में भाषा शिक्षण और
मूल्यांकन के संबंधों को अभिव्यक्त करने के लिए निम्नलिखित तीन मुहावरेदार
उक्तियों का प्रयोग किया जाता है -
Keep it out
Bring it in
Hand it over
इन्हें संक्षेप में इस प्रकार से समझ सकते हैं -
Keep it out
भाषा शिक्षण के संदर्भ में मूल्यांकन के बारे में इस
उक्ति के विद्वानों का मानना है कि भाषा शिक्षक को शिक्षण संबंधी कार्यों पर ही
फोकस करना चाहिए और अधिगम संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए उन्हें परीक्षण
संबंधी नीतियां बनाने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए |
Bring it in
यह भाषा शिक्षण में मूल्यांकन संबंधी दूसरी धारणा है
इसके अनुसार भाषा शिक्षकों को मूल्यांकन में सहभागी होना चाहिए , किंतु वह सहभागिता अंतरक्रिया आदि के रूप में होनी चाहिए न कि
उसके लिए कोई विशेष कड़े नियम बनाए जाएं । इसमें परीक्षण और त्रुटि विश्लेषण के
संबंध में सुधारात्मक प्रतिपुष्टि (corrective feedback), शैली
मूल्यांकन और प्रतिक्रिया आदि पर बल दिया गया है ।
Hand it over
Fonfs pedagogy के अनुसार मूल्यांकन
में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इससे अधिगम प्रक्रिया सुचारू रूप से
चलाई जा सकती है विद्यार्थियों का समय समय पर किया जाने वाला मूल्यांकन उनके अधिगम
प्रक्रिया में संवर्धन करता है |
Focus on forms (FonFs)
FonFs corresponds to traditional grammar
instruction where attention to form takes precedence over meaning:
“In focus on
forms (FonFs; Long, 1991, 1996) language is broken down into discrete
elements (e.g., words, grammar rules, notions, functions), which are then taught
item by item in a linear, additive fashion. FonFs, therefore, constitutes a
traditional approach to language teaching involving a linear syllabus,
instructional materials, and corresponding procedures designed to present
and practice a series of linguistic items. In this type of instruction,
the learners’ primary attention is directed at linguistic form, but
meaning is not excluded.”
Shintani 2013
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