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Friday, April 23, 2021

बालभाषा का विकास और बालभाषा के अंग

 बालभाषा का विकास और बालभाषा के अंग

मानव शिशु अपने जन्म लेने के बाद से धीरे-धीरे भाषा सीखता है। इस प्रक्रिया में बचपन में शिशु द्वारा जिस भाषा का विकास और प्रयोग किया जाता है, उसे बालभाषा कहते हैं। इसका संबंध बालक में भाषा अर्जन के समय विकसित होने वाली भाषायी युक्ति से है। भाषा को मानव शिशु धीरे-धीरे सीखता है, जिसका मनोभाषावैज्ञानिकों द्वारा विश्लेषण या विवेचन की सुविधा की दृष्टि से कुछ भागों में विभाजित किया गया है, जिसे बालभाषा के अंगया बालक में भाषा विकास के चरण’ (Stages of language development in the child) कहते हैं। जैसा कि पहले भाषा अर्जनकी चर्चा की जा चुकी है। मानव शिशु द्वारा अपने परिवेश से स्वयं के प्रयासों से भाषा सीखने की प्रक्रिया भाषा अर्जन है। अतः भाषा अर्जन की प्रक्रिया में मानव शिशु सर्वप्रथम बालभाषा के रूप में ही अपने परिवेश की भाषा को सीखता है। इस कारण इसे कुछ विद्वानों द्वारा भाषा अर्जन के चरण’ (Stages of Language Acquisition) भी कहा गया है।

बालकों में भाषा विकास की प्रक्रिया का अध्ययन कई मनोभाषावैज्ञानिकों द्वारा किया गया है। इनमें एक बड़ा नाम विलियम स्टर्न (William Stern, 1928-1967) का है। उनके अध्ययन को बालभाषाविज्ञान’ (पीडियोलिंग्विस्टिक्स) के नाम से जानते हैं। अमेरिका में इसे विकासात्मक मनोभाषाविज्ञान (Developmental Psycholinguistics) भी कहा जाता है। इस सिद्धांत के अंतर्गत यह देखते हैं कि बालक में जन्म के पश्चात मातृभाषा या प्रथम भाषा का विकास किस प्रकार से होता है।

मानव शिशु या बालक में मातृभाषा विकास की कई अवस्थाएँ होती हैं, जिन्हें विलियम स्टर्न (William Stern) द्वारा बताए गए चरणों के रूप में इस प्रकार से देख सकते हैं-

इनमें भाषा विकास की अवस्थाओं, उनकी आयु और उन अवस्थाओं में होने वाली प्रक्रियाओं को इस प्रकार से देख सकते हैं-

अवस्था                          आयु                              विकास

प्राथमिक                             जन्म से 01 वर्ष                    बबलाना, ध्वनियों का अनुकरण

प्रथम                                  01 से 1.6 वर्ष           वास्तविक भाषा का आरंभ

द्वितीय                      1.6 से 02 वर्ष           शब्द, एकपदीय वाक्य

तृतीय                                 02 से 2.6 वर्ष           दो या दो से अधिक पदों के

वाक्य

चतुर्थ                                  2.6 से 04 वर्ष           विचारों का संयोजन, भाषिक

वाक्य रचना

उक्त चरणों में सामान्य भाषा प्रयोग सीख लेने के पश्चात मानव शिशु धीरे-धीरे भाषा के औपचारिक पक्षों का अर्जन करता है। स्टर्न के अलावा पियाजे, मैकी और डी.डी. स्टेनबर्ग आदि विद्वानों द्वारा भी भाषा अर्जन के चरणों की बात की गई है। उदाहरण के लिए  डी.डी. स्टेनबर्ग द्वारा बताए गए चरणों के नाम अंग्रेजी में इस प्रकार से देख सकते हैं-

·      Vocalization to Babbling

·      Babbling to Speech (Naming, etc.)

·      Holophrastic

·      Telegraphic

·      Morphemic

 

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