मन और संज्ञान (Mind and Cognition)
‘संज्ञान’
मनोविज्ञान
के क्षेत्र में अपेक्षाकृत एक नई अवधारणा है। इसे मन के ही एक भाग के रूप में माना
गया है। संज्ञान को https://www.verywellmind.com/what-is-cognition-2794982.
पर
निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित या व्याख्यायित किया गया है-
Cognition
is a term referring to the mental processes involved in gaining knowledge and
comprehension. These cognitive processes include thinking, knowing,
remembering, judging, and problem-solving. 1 These are higher-level functions
of the brain and encompass language, imagination, perception, and planning.
हम
देख सकते हैं कि प्रक्रिया के स्तर पर इसमें भी लगभग वही बातें आई हैं,
जिन्हें
हम पारंपरिक रूप से ‘मन’
के
अंतर्गत पढ़ते या समझते-समझाते रहे हैं। ‘संज्ञान’
मन
की ही एक इकाई है और इसके अध्ययन के लिए मनोविज्ञान की ही एक शाखा के रूप में ‘संज्ञानात्मक
मनोविज्ञान’ (Cognitive
Psychology) का विकास हुआ है।
चूँकि ‘भाषा’ मन के साथ-साथ ‘संज्ञान’
से भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है, इसलिए ‘भाषाविज्ञान’ के अंतर्गत भी अंतरानुशासनिक अध्ययन
क्षेत्र के रूप में ‘संज्ञानात्मक भाषाविज्ञान’ का विकास हुआ है।
संज्ञान और भाषा के विविध पक्षों को इस चित्र में देखा जा सकता है-
इसके बारे में अंग्रेजी में विस्तार से https://www.researchgate.net/publication/286313223_Language_and_cognition पर पढ़ सकते हैं।
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