व्यक्तित्व और भाषा (Personality and Language)
प्रत्येक व्यक्ति की
अपनी स्वतंत्र पहचान होती है। वह पहचान जो किसी व्यक्ति को दूसरों से अलग करती है, उसका व्यक्तित्व कहलाती है। किसी
व्यक्ति के व्यक्तित्व के अंतर्गत उसका भौतिक स्वरूप या शारीरिक रचना जैसे तत्त्व
तो आते ही हैं, इनके साथ-साथ उसकी मानसिक स्थिति, भावनाएं, सोच, कल्पना, विचार करने का तरीका आदि सभी आ जाते हैं। हम जानते हैं कि प्रत्येक
व्यक्ति की बनावट दूसरों से भिन्न होती है। इसी प्रकार से यदि हम मन:मस्तिष्क की
दृष्टि से भी देखें तो प्रत्येक व्यक्ति का मानसिक संसार दूसरे व्यक्तियों से
भिन्न होता है और भाषा इसमें विशेष प्रभाव डालती है।
भाषा की दृष्टि से
विचार किया जाए तो प्रत्येक व्यक्ति की भाषिक अभिव्यक्ति करने की विधि भी अलग-अलग
होती है। एक ही बात को कहने के लिए अलग-अलग तरह के लोग अलग-अलग तरह के वाक्यों का
प्रयोग करते हैं;
वाक्य निर्माण के लिए भिन्न-भिन्न शब्दों का चयन करते हैं। अतः भाषा की दृष्टि से व्यक्तित्व
में भिन्नता की बात शब्द, वाक्य और प्रोक्ति तीनों स्तरों पर
देखी जा सकती है। अभिव्यक्तियों के माध्यम से व्यक्त होने वाली हमारी पसंद और
नापसंद भी हमारे व्यक्तित्व को निर्धारित करती है। बहुत सारे लोगों को धार्मिक
चीजें पसंद होती हैं तो बहुत सारे लोगों को ये पसंद नहीं होतीं। बहुत सारे लोग
बचपन से ही वैज्ञानिक सोच के होते हैं बहुत सारे लोगों में आजीवन वैज्ञानिक सोच
नहीं आ पाती। अतः व्यक्तित्व एक जटिल (dynamic) और वैविध्यपूर्ण
(versatile) चीज है, जो सभी लोगों में
भिन्न-भिन्न होती है| 
https://www.britannica.com/topic/personality
पर व्यक्तित्व को इस प्रकार से परिभाषित किया गया है- 
Personality, a
characteristic way of thinking, feeling, and behaving. Personality embraces
moods, attitudes, and opinions and is most clearly expressed in interactions
with other people. It includes behavioral characteristics, both inherent and
acquired, that distinguish one person from another and that can be observed in
people’s relations to the environment and to the social group.
(Written by, Philip S. Holzman
: Esther and Sidney R. Rabb Professor Emeritus of Psychology, Harvard
University. Coauthor of Assessing Schizophrenic Thinking.
व्यक्तित्व के
निर्धारक तत्व
मनुष्य के
व्यक्तित्व को बहुत से तत्व निर्धारित करते हैं। उनमें से कुछ प्रमुख तत्वों को हम
इस प्रकार से देख सकते हैं-
- भौतिक बनावट : किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसकी भौतिक बनावट एक बाह्य पक्ष है।
     इसे हम उसकी शारीरिक रूपरेखा भी कह सकते हैं। यदि इसका सीधा संबंध व्यक्तित्व
     से नहीं ,किंतु फिर भी किसी न किसी रूप में यह
     व्यक्तित्व को प्रभावित करता है।
- व्यवहार : व्यक्ति
     का व्यवहार उसके व्यक्तित्व का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
     विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में व्यक्ति
     जिस प्रकार का व्यवहार करता है हम उसका व्यक्तित्व वैसा ही मानते हैं। यदि
     उसका व्यवहार मृदु है, लोगों से वह सामान्य रूप से
     मिलता-जुलता तथा बातचीत करता है तो हम उसे अच्छे व्यवहार का मानते हैं, किंतु यदि कटु है तो फिर हम उसे विपरीत रूप में देखते हैं। व्यवहार में
     की जाने वाली अभिव्यक्ति को स्वभाव भी कहते हैं। 
- रुचि : रुचि का भी हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में
     विशेष योगदान होता है।
- स्थायित्व: इसका
     संबंध व्यक्ति के व्यवहार में निरंतरता होने से है। कुछ लोगों के व्यवहार में
     स्थायित्व होता है और वे विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में समान प्रकार से
     व्यवहार करते हैं, जबकि कुछ लोग समय और परिस्थिति के अनुसार
     अपना व्यवहार बदल लेते हैं। जिन लोगों के व्यवहार में स्थायित्व होता है,
     लोग उन पर अधिक भरोसा करते हैं। 
इसी प्रकार के विविध तत्वों द्वारा व्यक्तियों का व्यक्तित्व निर्धारित होता
है। https://www.verywellmind.com/what-is-personality-2795416
पर व्यक्तित्व के निम्नलिखित निर्धारक तत्व की बात की गई है
- Consistency - There is generally
     a recognizable order and regularity to behaviors. Essentially, people act
     in the same ways or similar ways in a variety of situations.
- Psychological and physiological: Personality
     is a psychological construct, but research suggests that it is also influenced
     by biological processes and needs.
- Behaviors and actions: Personality
     not only influences how we move and respond in our environment, but it
     also causes us to act in
     certain ways.
- Multiple expressions: Personality
     is displayed in more than just behavior. It can also be seen in our
     thoughts, feelings, close relationships, and other social interactions.
 
 
 
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