भाषा अर्जन (Language Acquisition)
मानव शिशु द्वारा
अपने परिवेश में प्रयुक्त भाषा को स्वयं से प्रयास से सीखने की प्रक्रिया भाषा अर्जन
कहलाती है। हम देखते हैं कि जन्म लेने के लगभग 06 महीने बाद से मानव शिशु ध्वनियों
का उच्चारण आरंभ कर देता है। इस दौरान वह अपने आस-पास के लोगों द्वारा बोली जा रही
ध्वनियों को ध्यान से सुनता है तथा उनका अनुकरण करने का प्रयास करता है। इस क्रम
में धीरे-धीरे वह भाषायी ध्वनियों का उच्चारण सीखने लगता है और समय के साथ एक से अधिक ध्वनियों को मिलाकर शब्दों
और उसके बाद छोटे-छोटे वाक्यों, फिर बड़े वाक्यों का उच्चारण तथा प्रयोग सीख लेता है। इस प्रक्रिया में
परिवार के लोग सहायक होते हैं, क्योंकि वे बच्चे की समझ के
अनुसार सरल शब्दों का चयन करते हैं और बार-बार उच्चारण अभ्यास भी कराते हैं।
आगे हम भाषा अर्जन के प्रमुख सिद्धांतों को देखेंगे।
No comments:
Post a Comment