Total Pageviews

Friday, April 23, 2021

वाक् उत्पादन (Speech Production) & वाक् बोधन (Speech Perception)

वाक् उत्पादन (Speech Production) & वाक् बोधन (Speech Perception)

वाक् उत्पादन (Speech Production)

भाषा उत्पादन से तात्पर्य है- मन में कोई विचार या भाव उत्पन्न होने के बाद उसे ध्वनि-प्रतीकों में ढालने और अभिव्यक्त करने की प्रक्रिया। इस कारण सामान्यतः इसे वाक् उत्पादन’(Speech Production) कहा जाता है। इसमें हम यह देखने का प्रयास करते हैं कि मन में कोई विचार आने के बाद वक्ता उसे कैसे ध्वनियों में ढालता है तथा अभिव्यक्त करता है। हम प्रतिदिन हजारों बार यह कार्य अत्यंत स्वाभाविक रूप से करते हैं, किंतु इसके पीछे एक बड़ी प्रक्रिया या प्रणाली कार्य करती है। इसे निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं-

विचार या भाव उत्पन्न होना

 ↓


विचार को अभिव्यक्त करने के लिए मानसिक संकल्पनाओं का चयन

 ↓

उन मानसिक संकल्पनाओं के लिए शब्दों और वाक्य साँचे का चयन

ध्वनियों का चयन

 ↓

वाक् उत्पादन अंगों का प्रयोग करते हुए ध्वनियों का उच्चारण

 ↓

वाक्/वाक्य की अभिव्यक्ति

इसे एक उदाहरण द्वारा समझते हैं। मान लीजिए किसी को प्यास लगी हो और उसे किसी से पानी माँगकर पीना हो। तो इसके लिए जो वाक् उत्पादनकी आवश्यकता होगी, उसे देखेंगे। यहाँ ध्यान रखने वाली बात है कि प्यास लगने पर स्वयं पानी खोजकर पी लेने में वाक् उत्पादन की आवश्यकता नहीं होती। यहाँ हम भाषिक अभिव्यक्ति (वाक्य) के प्रयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखकर बात कर रहे हैं-

प्यास लगना और पानी माँगने का विचार उत्पन्न होना

↓ 

संबोधित व्यक्ति का चयन;(नाम लेना है या नहीं), + पानी के लिए संकल्पना +माँगने के लिए संकल्पना

↓ 

संबोधित व्यक्ति का चयन; पानी के लिए शब्द का चयन (जैसे- पानी, जल, वाटर, बोतल या पानी का गिलास, या एक गिलास पानी आदि); माँगने के लिए क्रिया का चयन (जैसे- दीजिए, दो, चाहिए, है क्या, मिलेगा क्या आदि) और वाक्य साँचे का चयन (जैसे- आदेशात्मक, निवेदनसूचक, ‘चाहिएवाला वाक्य आदि)

↓ 

ध्वनियों का चयन (मान लीजिए पानी दीजिएकहना है, तो प, , , , , , , , ए ध्वनियाँ चुनेंगे)

↓ 

वाक् उत्पादन अंगों का प्रयोग करते हुए ध्वनियों का उच्चारण

 ↓

पानी दीजिएवाक्य की वाचिक अभिव्यक्ति होगी

 

 

2. वाक् बोधन (Speech Perception)

ऊपर हम लोगों ने वक्ता द्वारा वाक्का उत्पादन किए जाने की प्रक्रिया को देखा। जब कोई वाक्य बोला जाता है तो वह ध्वनि तरंगों के माध्यम से श्रोता के कानों तक पहुँचता है। इसके पश्चात श्रोता के मन या मस्तिष्क में वाक् बोधन की प्रक्रिया संपन्न होती है, जिसे चरणबद्ध रूप से इस प्रकार से देख सकते हैं-

कर्णेंद्रिय अंगों द्वारा ध्वनियों का श्रवण

↓ 

सामान्यीकरण- अतिरिक्त ध्वनियों को हटाना (noise removal), कम सुनाई पड़ी ध्वनियों या खंडित शब्दों को अपने सामान्य ज्ञान तथा संदर्भ के आधार पर जोड़कर वाक्य पूरा करना

↓ 

वाक्य का खंडीकरण करना (शब्दों में)

↓ 

आवश्यक संदर्भ आदि का प्रयोग करते हुए वाक्य के अर्थ को ग्रहण करना

↓ 

इस प्रकार से किसी वाक् में निहित अर्थ का बोधन संपन्न हुआ

No comments:

Post a Comment