राजभाषा नियम, 1976
राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग)
नियम, 1976
(यथा संशोधित, 1987, 2007 तथा 2011)
- संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ--
- इन नियमों का संक्षिप्त नाम राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए
प्रयोग) नियम, 1976 है।
- इनका विस्तार, तमिलनाडु राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है।
- ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे।
- परिभाषाएं-- इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा
अपेक्षित न होः-
- 'अधिनियम' से राजभाषा
अधिनियम, 1963 (1963 का 19) अभिप्रेत
है;
- 'केन्द्रीय सरकार के कार्यालय' के अन्तर्गत निम्नलिखित भी है, अर्थातः-
- केन्द्रीय सरकार का कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय;
- केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किसी आयोग, समिति या अधिकरण का कोई कार्यालय; और
- केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण के अधीन किसी निगम या
कम्पनी का कोई कार्यालय;
- 'कर्मचारी' से केन्द्रीय सरकार के कार्यालय में नियोजित कोई
व्यक्ति अभिप्रेत है;
- 'अधिसूचित कार्यालय' से नियम 10 के उपनियम (4) के अधीन अधिसूचित कार्यालय, अभिप्रेत है;
- 'हिन्दी में प्रवीणता' से नियम 9 में वर्णित प्रवीणता अभिप्रेत है ;
- 'क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान
और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
- 'क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;
- 'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ
राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
- हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान' से नियम 10 में वर्णित कार्यसाधक ज्ञान अभिप्रेत है ।
- राज्यों आदि और केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से भिन्न कार्यालयों के
साथ पत्रादि-
1.
केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'क' में
किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी
कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि असाधारण
दशाओं को छोड़कर हिन्दी में होंगे और यदि उनमें से किसी को कोई पत्रादि अंग्रेजी
में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा।
2.
केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से--
- क्षेत्र 'ख' में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य
या संघ राज्य क्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न
हो) को पत्रादि सामान्यतया हिन्दी में होंगे और यदि इनमें से किसी को कोई
पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिन्दी अनुवाद भी
भेजा जाएगाः परन्तु यदि कोई ऐसा राज्य या संघ राज्य क्षेत्र यह चाहता है कि
किसी विशिष्ट वर्ग या प्रवर्ग के पत्रादि या उसके किसी कार्यालय के लिए
आशयित पत्रादि संबद्ध राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार द्वारा
विनिर्दिष्ट अवधि तक अंग्रेजी या हिन्दी में भेजे जाएं और उसके साथ दूसरी
भाषा में उसका अनुवाद भी भेजा जाए तो ऐसे पत्रादि उसी रीति से भेजे जाएंगे ;
- क्षेत्र 'ख' के किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी
व्यक्ति को पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में भेजे जा सकते हैं।
3.
केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'ग' में
किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय
सरकार का कार्यालय न हो)या व्यक्ति को पत्रादि अंग्रेजी में होंगे।
4.
उप नियम (1) और (2) में किसी बात के होते हुए भी, क्षेत्र 'ग' में
केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'क'या'ख'में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य में
किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि
हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं । परन्तु हिन्दी में पत्रादि ऐसे अनुपात में
होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले
व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक
बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे।
- केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि-
.
केन्द्रीय सरकार के किसी एक मंत्रालय या विभाग और किसी
दूसरे मंत्रालय या विभाग के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;
a.
केन्द्रीय सरकार के एक मंत्रालय या विभाग और क्षेत्र 'क' में
स्थित संलग्न या अधीनस्थ कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी में होंगे और ऐसे
अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार, ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले
व्यक्तियों की संख्या, हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे संबंधित
आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए, समय-समय पर अवधारित करे;
b.
क्षेत्र 'क' में स्थित केन्द्रीय सरकार के ऐसे कार्यालयों के बीच, जो
खण्ड (क) या खण्ड (ख) में विनिर्दिष्ट कार्यालयों से भिन्न हैं, पत्रादि
हिन्दी में होंगे;
c.
क्षेत्र 'क' में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों और क्षेत्र 'ख' या 'ग'में
स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो
सकते हैं;
परन्तु ये पत्रादि हिन्दी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे
कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी
में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए
समय-समय पर अवधारित करे ;
d.
क्षेत्र 'ख' या 'ग' में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि
हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;
परन्तु ये पत्रादि हिन्दी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे
कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी
में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए
समय-समय पर अवधारित करे ;
परन्तु जहां ऐसे पत्रादि--
i.
क्षेत्र 'क' या क्षेत्र 'ख' किसी कार्यालय को संबोधित हैं वहां यदि आवश्यक हो तो, उनका
दूसरी भाषा में अनुवाद, पत्रादि प्राप्त करने के स्थान पर किया जाएगा;
ii.
क्षेत्र 'ग' में किसी कार्यालय को संबोधित है वहां, उनका
दूसरी भाषा में अनुवाद, उनके साथ भेजा जाएगा;
परन्तु यह और कि यदि कोई पत्रादि किसी अधिसूचित कार्यालय को संबोधित है तो
दूसरी भाषा में ऐसा अनुवाद उपलब्ध कराने की अपेक्षा नहीं की जाएगी ।
- हिन्दी में प्राप्त पत्रादि के उत्तर--
नियम 3 और नियम 4 में किसी बात के होते हुए भी, हिन्दी में पत्रादि के उत्तर केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से हिन्दी में दिए जाएंगे । - हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग-
अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (3) में निर्दिष्ट सभी दस्तावेजों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग किया जाएगा और ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे यह सुनिश्चित कर लें कि ऐसी दस्तावेजें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही में तैयार की जाती हैं, निष्पादित की जाती हैं और जारी की जाती हैं। - आवेदन, अभ्यावेदन आदि-
0.
कोई कर्मचारी आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिन्दी या अंग्रेजी में कर सकता है।
1.
जब उपनियम (1) में विनिर्दिष्ट कोई आवेदन, अपील या
अभ्यावेदन हिन्दी में किया गया हो या उस पर हिन्दी में हस्ताक्षर किए गए हों, तब उसका
उत्तर हिन्दी में दिया जाएगा।
2.
यदि कोई कर्मचारी यह चाहता है कि सेवा संबंधी विषयों (जिनके
अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाहियां भी हैं) से संबंधित कोई आदेश या सूचना,जिसका
कर्मचारी पर तामील किया
जाना अपेक्षित है, यथास्थिति, हिन्दी या अंग्रेजी में होनी चाहिए तो वह उसे असम्यक विलम्ब
के बिना उसी भाषा में दी जाएगी।
- केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों में टिप्पणों का लिखा जाना -
0.
कोई कर्मचारी किसी फाइल पर टिप्पण या कार्यवृत्त हिंदी या
अंग्रेजी में लिख सकता है और उससे यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह उसका अनुवाद
दूसरी भाषा में प्रस्तुत करे।
1.
केन्द्रीय सरकार का कोई भी कर्मचारी, जो
हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखता है, हिन्दी में किसी दस्तावेज के अंग्रेजी अनुवाद की मांग तभी
कर सकता है, जब वह दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है, अन्यथा
नहीं।
2.
यदि यह प्रश्न उठता है कि कोई विशिष्ट दस्तावेज विधिक या
तकनीकी प्रकृति का है या नहीं तो विभाग या कार्यालय का प्रधान उसका विनिश्चय
करेगा।
3.
उपनियम (1) में किसी बात के होते हुए भी, केन्द्रीय
सरकार, आदेश द्वारा ऐसे अधिसूचित कार्यालयों को विनिर्दिष्ट कर
सकती है जहां ऐसे कर्मचारियों द्वारा,जिन्हें हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है, टिप्पण, प्रारूपण
और ऐसे अन्य शासकीय प्रयोजनों के लिए, जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, केवल
हिन्दी का प्रयोग किया जाएगा ।
- हिन्दी में प्रवीणता-
यदि किसी कर्मचारी ने-
.
मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर कोई
परीक्षा हिन्दी के माध्यम से उत्तीर्ण कर ली है;या
a.
स्नातक परीक्षा में अथवा स्नातक परीक्षा की समतुल्य या उससे
उच्चतर किसी अन्य परीक्षा में हिन्दी को एक
वैकल्पिक विषय के रूप में लिया हो; या
b.
यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप में यह घोषणा करता है
कि उसे हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है;
तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है
।
- हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान-
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