कार्पस की उपयोगिता (कार्पस क्यों?)
कार्पस निर्माण का उद्देश्य मुख्यतः कार्पस-आधारित
मशीनी प्रणालियों या उपकरणों का विकास करना है। ऐसी मशीनी प्रणालियों में कार्पस आधार
भाषायी सामग्री का काम करता है और प्रोग्रामिंग में सांख्यिकीय नियमों अथवा मशीनी अधिगम
नियमों का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा कार्पस का प्रयोग शब्दकोश निर्माण, व्याकरण निर्माण, भाषा संरक्षण आदि संदर्भों के लिए
भी होता है। 
अतः इन्हें बिंदुवार इस प्रकार से देख सकते
हैं- 
(क)         
सांख्यिकीय अथवा मशीनी अधिगम
प्रणालियों का विकास (मूल उद्देश्य)
(ख)        
शब्दकोश निर्माण 
(ग)          
व्याकरण निर्माण 
(घ)         
भाषा संरक्षण
 अतः
इन्हें बिंदुवार इस प्रकार से देख सकते हैं- 
(क)       सांख्यिकीय
अथवा मशीनी अधिगम प्रणालियों का विकास (मूल उद्देश्य)
यह
कार्पस निर्माण का मुख्य उद्देश्य है। प्रारंभ में जब ‘नियम-आधारित मशीनी प्रणालियों’ से अपेक्षित परिणाम नहीं
प्राप्त हुए तो 1970 के दशक में कार्पस के संकलन पर काम किया गया। इसके बाद अनेक कार्पस-आधारित
मशीनी प्रणालियों या उपकरणों का विकास किया है, जिनके परिणाम
उत्साहजनक रहे हैं।
वर्तमान
में मशीनी अधिगम या कृत्रिम बुद्धि का संपूर्ण भाषायी पक्ष ही ‘कार्पस’ पर टिका हुआ है। गूगल,
माइक्रोसॉफ्ट, मेटा (फेसबुक) जैसी आई.टी. की विशाल कंपनियों द्वारा
विकसित सॉफ्टवेयर मूलतः कार्पस आधारित ही हैं।
(ख)       शब्दकोश
निर्माण 
कार्पस
किसी भाषा के वास्तविक व्यवहार में प्रयुक्त होने वाले शब्दों और उनके अर्थ की प्रामाणिक
सूचना देता है। अतः कार्पस के आधार पर अनेक शब्दकोश भी निर्मित किए गए हैं, जिनमें सम्मिलित किए गए किसी भी शब्द और उसके अर्थ को प्रमाणित किया जा सकता
है।
(ग)       
व्याकरण निर्माण 
 कार्पस किसी भाषा के वास्तविक व्यवहार से सामग्री
संकलित होती है। अतः कार्पस के आधार पर शब्दकोश की तर्ज पर व्याकरण भी निर्मित किए
गए हैं। इनमें सभी प्रकार के वाक्य रूपों और शब्द-रूपों, शैलीगत प्रयोगों आदि को प्रामाणिक रूप से बताया जाता है।
(घ)       
भाषा संरक्षण
कार्पस
द्वारा भाषा संरक्षण भी होता है, क्योंकि जिस भाषा का कार्पस
निर्मित कर लिया जाता है, उसकी सामग्री डिजिटल रूप में सुरक्षित
हो जाती है।
 
 
 
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