भारत में द्विभाषिकता और बहुभाषिकता (Bilingualism and Multilingualism in India)
जिस देश में 1600 से अधिक
भाषाएँ बोली जा रही हों, उसके एकभाषी
होने की कल्पना नहीं की जा सकती। लगभग संपूर्ण भारतीय समाज द्विभाषी या बहुभाषी
है। कुछ आदिवासी समुदायों को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी क्षेत्रों में सभी
समुदायों द्वारा एक से अधिक भाषाओं का प्रयोग किया जाता है। ये भाषाएँ वहाँ की मूल
भाषा या मातृभाषा और उसके साथ लगी हुई क्षेत्रीय भाषा अथवा भारत की राजभाषा हिंदी
या अंग्रेजी होती हैं। भारत के लगभग सभी राज्यों में एक से अधिक भाषाओं का व्यवहार
किया जाता है इसे भारत की जनगणना 2011 की रिपोर्ट में निम्नलिखित लिंक पर विस्तार से देखा जा सकता है-
इस लिंक पर भी हुई रिपोर्ट का एक नमूना इस
प्रकार से भेज सकते हैं-
इससे स्पष्ट है कि भारत के सभी राज्य बहुभाषी हैं, जहाँ पर एक से
अधिक भाषाओं का प्रयोग किया जाता है।
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