न्यूरोभाषाविज्ञान (Neurolinguistics) क्या है?
न्यूरोभाषाविज्ञान में ‘मानव मस्तिष्क के
न्यूरॉनतंत्र’ (neural schema of human brain) और ‘भाषा’ के बीच संबंधों का अध्ययन किया जाता है। हम
जानते हैं मानव मस्तिष्क न्यूरॉनों के संयोजन से निर्मित एक जटिल संरचना है। एक
न्यूरॉन के स्वरूप को इस प्रकार से देख सकते हैं -
इसमें न्यूरॉन के विविध भागों को
दर्शाया गया है। न्यूरॉन ही वह अंग है, जिसमें मनुष्य या किसी प्राणी द्वारा की
जाने वाली अभिक्रियाओं से संबंधित मस्तिष्क की क्रिया संपन्न होती है। मानव
मस्तिष्क में पाए जाने वाले ने न्यूरॉनों के मुख्यतः तीन वर्ग किए जाते हैं-
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संवेदनात्मक न्यूरॉन (Sensory neurons) : इसका संबंध मानव
इंद्रियों से प्राप्त इनपुट के आधार पर अभिक्रिया करने वाले न्यूरॉनों से है ।
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मोटर न्यूरॉन (Motor neurons) : ये विभिन्न प्रकार
के कार्यों को संपन्न करते समय हमारे शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करते हैं।
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अंतर न्यूरॉन (interneurons) : उपर्युक्त दोनों
प्रकारों के अलावा शेष सभी प्रकार के न्यूरॉन इसके अंतर्गत आ जाते हैं ।
चूँकि मानव मस्तिष्क की सभी प्रकार
की प्रक्रियाएँ न्यूरॉनों के माध्यम से ही संपन्न होती हैं। अतः भाषा संबंधी
प्रक्रिया में भी इन्हीं के माध्यम से संचालित होती हैं।
न्यूरोभाषाविज्ञान
वह भाषाविज्ञान है, जिसके अंतर्गत यह जानने का प्रयास किया
जाता है कि भाषा संबंधी गतिविधियों ( अभिव्यक्ति और बोधन) के समय मानव मस्तिष्क के कौन-से न्यूरॉन सक्रिय होते हैं तथा वे किस
प्रकार की अभिक्रिया करते हैं, जिससे विचारों का भाषाई कोड
में परिवर्तन तथा किसी अन्य द्वारा बोले गए वाक्यों को समझने की प्रक्रिया संपन्न
हो पाती है।
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