अक्षर (Syllable)
अक्षर एक ध्वनि है अथवा ध्वनियों का समूह, यह एक ही श्वासाघात में उच्चरित होते हैं अथवा एक से अधिक श्वासाघात में, अक्षर ही वर्ण है अथवा वर्णों का समूह आदि पर विचार करने से पूर्व कुछ भाषाशास्त्रियों के अक्षर से संबंधित मत द्रष्टव्य हैं -
उदय नारायण तिवारी - अक्षर शब्द के अंतर्गत उन ध्वनि समूहों की छोटी से छोटी इकाई को कहते हैं, जिनका उच्चारण एक साथ हो तथा जिन्हें विभक्त करके बोलने पर उसका कोई अर्थ न प्रकट हो। - भाषाशास्त्र की रूपरेखा , पृष्ठ 126
बाबूराम सक्सेना - संयुक्त ध्वनियों के छोटे समूह को अक्षर कहते हैं और अक्षर की ध्वनियों का एक साथ (अति सन्निकटता) में उच्चारण होता है। प्राचीन भाषाविज्ञों का विचार था कि स्वर ही अक्षर बनाने में समर्थ होता है और जितने व्यंजन उसके साथ लिपटे हों उनको साथ लेकर वह अक्षर कहलाता है। - सामान्य भाषाविज्ञान, पंचम संस्करण, पृष्ठ 72
भोलानाथ तिवारी - एक या अधिक ध्वनियों (या वर्णों) की उच्चारण की दृष्टि से अव्यवहित इकाई, जिसका उच्चारण एक झटके में किया जा सके, अक्षर है। - भाषाविज्ञान, 1961, पृष्ठ 354
उपर्युक्त मतों के आधार पर अक्षर की परिभाषा इस प्रकार होगी - ‘‘ एक ही श्वासाघात में उच्चरित ध्वनि अथवा ध्वनि समूह को अक्षर कहते हैं’’। यदि एक ही श्वासाघात में कई ध्वनियाँ एक साथ उच्चरित होती हैं तो उनमें एक मुखर ध्वनि (Sonorous) होती है। वाक् ध्वनियों में सबसे मुखर ध्वनि स्वर होती है । अतः जिन ध्वनियों अथवा ध्वनि समूह में जितनी संख्या मुखर ध्वनि अर्थात् स्वर की होगी उतने ही अक्षर होंगे। हिंदी में जिन शब्दों में जितने स्वर होते हैं, उतने अक्षर होते हैं। अक्षर का विभाजन प्रत्येक श्वासाघात के आधार पर होता है। प्रत्येक स्वर अक्षर होता है, अतः स्वर आक्षरिक कहलाते हैं।
जैसे - अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आदि एक-एक अक्षर हैं।
एक व्यंजन और एक स्वर का योग अक्षर हो सकता है। जैसे - गा (ग् + आ)
का (क् + आ) , रा (र् + आ) आदि।
दो व्यंजन और एक स्वर का योग अक्षर हो सकता है जैसे -
क्ष (क् + ष् + अ), त्र (त् + र् + अ), ज्ञ (ज्+ ञ्+अ) काम (क् + आ + म्) , नाम (न् + आ + म्) आदि।
तीन व्यंजन और एक स्वर का योग अक्षर हो सकता है। जैसे -
कृष (क् + र् + इ + ष्), क्रम (क् + र् + अ + म्) आदि।
चार व्यंजन और एक स्वर का योग अक्षर हो सकता है -
स्वप्न (स् + व् + अ + प् + न्), क्लिष्ट (क् + ल् + इ + ष् + ट्) आदि।
पाँच व्यंजन और एक स्वर का योग अक्षर हो सकता है जैसे -
स्वास्थ्य (स् + व् + आ + स् + थ् + य्)
इस प्रकार सभी स्वर आक्षरिक होते हैं। एक शब्द एक अक्षर का हो सकता है और कई अक्षरों का भी। जैसे - ‘स्वप्न’ एक शब्द है और अक्षर भी परंतु ‘विद्या’ (व्+इ+द्+य्+आ) दो अक्षरों वाला एक शब्द है।
7.1 अक्षर विभाजन
शब्दों के सही उच्चारण के लिए अक्षरों का विभाजन कहाँ से करें यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। शब्द या तो एकाक्षरी होते हैं या अनेकाक्षरी। एकाक्षरी शब्दों के उच्चारण में जो मुखर ध्वनि ह,ै उसी पर बलाघात भी होता है। परंतु जहाँ अनेकाक्षरी शब्द हैं, उच्चारण में विभाजन ठीक होना चाहिए।
उदाहरण के लिए ‘वक्ता’ शब्द का अक्षर विभाजन होगा ‘वक् + ता’ न कि ‘व-क्ता’। इसी प्रकार ‘पक्का’ शब्द में अक्षर विभाजन होगा पक् + का न कि पक्क् + आ। अक्षर विभाजन से संबंधित कुछ उदाहरण द्रष्टव्य हैं -
अद्धा = अद् + धा, व्याघ्र = व्याग् + घ्र
विद्यालय = विद्+ द्या + लय , विद्या = विद् + द्या
पत्ता = पत् + ता, कंगन = कड्. + गन्
अंदर = अन् + दर
(जहाँ शांत एक अक्षर है वहीं शांति दो अक्षरों वाला एक शब्द)
सिंगारदान = सिंङ+गार्+दान्, विद्वान = विद् + द्वान्
पश्चिम = पश् + चिम्, उद्योग = उद् + द्योग्
अत्याचार = अत्+त्या+चार्, अद्वितीय = अद् + द्वि + तीय
विद्यार्थी = विद् + द्यार् + थी, शत्रु = शत् + त्रु
अन्यत्र = अन् + न्यत्र्, विख्यात = विक् +ख्यात्
अम्लान = अम् +म्लान् , अध्यापक = अद् + ध्या + पक् , अभ्यास = अब्+भ्यास् आदि।
विद्या= विद्+ द् या ।
ReplyDeleteसर स्पष्ट हो नहीं रहा है। स्पष्ट करें।