विभेदक अभिलक्षण (Distinctive Features)
विभेदक  = भेद उत्पन्न करने वाला
विभेदक
का शाब्दिक अर्थ है- ‘भेद उत्पन्न करने वाला’।
किसी भाषा की ध्वनि व्यवस्था में दो ध्वनियों में भेद उत्पन्न करने वाले
अभिलक्षणों को विभेदक अभिलक्षण कहते हैं। भेद उत्पन्न करने से यहाँ तात्पर्य है कि
उस अभिलक्षण के साथ जुड़कर बनने वाली दूसरी ध्वनि में अर्थभेद की क्षमता हो। 
अर्थभेद
की क्षमता का अर्थ है- नई ध्वनि से निर्मित शब्द का पुरानी ध्वनि से निर्मित शब्द
के अर्थ से अलग अर्थ हो। 
उदाहरण-
ध्वनि
+ अभिलक्षण       = नई ध्वनि 
क
    + प्राणत्व   =  ख
क  + घोषत्व               =
ग
अब
इन ध्वनियों से बनने वाले शब्दों को देखते हैं-
क
से = कल, काल ; ख से खल, खाल
क
से = कल, काल ; ग से गल, गाल
इनमें
‘खल, खाल’ अथवा ‘गल, गाल’ शब्दों के अर्थ ‘कल,
काल’ शब्दों के अर्थ से भिन्न हैं। अतः ‘प्राणत्व’
और ‘घोषत्व’ विभेदक अभिलक्षण हैं।
 
 
 
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