Total Pageviews

Saturday, October 23, 2021

भाषा मृत्यु (Language Death)

 भाषा मृत्यु (Language Death)

द्विभाषिकता या बहुभाषिकता की स्थिति में प्रायः ऐसा होता है कि जिस भाषा का अधिक प्रभुत्व होता है, भाषायी समाज के लोग अपनी भाषा छोड़कर उसी भाषा का व्यवहार करने लगते हैं। इस कारण उस भाषायी समाज की नई पीढ़ी अपनी भाषा के बजाए किसी अन्य भाषा का व्यवहार करने लगती है। ऐसी स्थिति में पुरानी पीढ़ी के लोगों की मृत्यु के साथ ही उस भाषा की भी मृत्यु होने लगती है। इस क्रम में जब अंतिम मातृभाषी (last native speaker) की मृत्यु होती है तो उस भाषा की भी मृत्यु हो जाती है। भाषा मृत्यु को क्रमिक रूप से इस प्रकार से दर्शाया जा सकता है-

(1) द्विभाषिकता या बहुभाषिकता की स्थिति

(2) भाषायी समाज की नई पीढ़ी द्वारा प्रभुत्वशाली (अन्य) भाषा का प्रयोग

(3) पुरानी पीढ़ी के लोगों की मृत्यु

(4) अंतिम वक्ता की मृत्यु                   = भाषा मृत्यु

भाषा मृत्यु के प्रकार-

§  आनुक्रमिक भाषा मृत्यु (Gradual language death)

§  निम्न-से-उच्च भाषा मृत्यु (Bottom-to-top language death)

§  उच्च-से-निम्न भाषा मृत्यु (Top-to-bottom language death)

§  संपूर्ण भाषा मृत्यु (Radical language death)

§  भाषा स्वमृत्यु (Linguicide (also known as sudden death, language genocide, physical language death, and biological language death)

§  भाषा क्षय-मृत्यु (Language attrition)

भाषा मृत्यु के संदर्भ में linguicide (Linguistic discrimination अथवा glottophobia या linguicism या languagism) की भी बात की जाती है, जो भाषा मृत्यु से भिन्न अवधारणा है। इसका संबंध किसी भाषा के संबंध में अनुचित व्यवहार (unfair treatment) से है, जिसके अंतर्गत भाषाओं में भेदभाव और इसके आधार पर भाषाभाषियों की सामाजिक स्थिति के उच्च और निम्न आकलन से है।

संदर्भ-

http://catdir.loc.gov/catdir/samples/cam032/99053220.pdf (Language Death, David Cristal)

https://en.wikipedia.org/wiki/Language_death

No comments:

Post a Comment