शब्द व्याकरण (Word Grammar)
इसका विकास रिचार्ड हडसन (Richard
Hudson) द्वारा 1980 के दशक में किया गया है। यह
सर्वप्रथम 1984 ई. में ‘Word Grammar’ नामक
रचना में प्रकाश में आया। बाद में हडसन द्वारा इस व्याकरण में कई बार परिवर्धन किया
गया है, जिसे उनकी रचनाओं Word Grammar
(1991, 1994), Language
Networks : The new Word Grammar (2007), An
Introduction to Word Grammar (2010) आदि में देखा जा सकता है।
शब्द व्याकरण की मुख्य
बातें
·
यह भाषा को ज्ञान के
संजाल के रूप में प्रस्तुत करता है, जिसके
अंतर्गत शब्दों, उनके अर्थों आदि को एक-दूसरे से संबंधित
किया जाता है, जैसे : ‘man’ नामक शब्द
को उसके अर्थ ‘man’, रूप /man/ और उसका
शब्द-वर्ग ‘noun’ से जोड़ा जाता है।
·
यह व्याकरण एकस्तरीय है।
अतः इसमें रूपांतरण जैसे कार्य नहीं होते। इसमें आधार रूप में निर्भरता व्याकरण का
ही प्रयोग किया गया है। अतः यह एक ऐसा उपागम है,
जिसमें वाक्यात्मक संरचना को शब्दों में प्राप्त सूचनाओं एवं शब्दों के संयोजन
द्वारा प्राप्त किया जाता है।
·
इस व्याकरण में व्याकरणिक
संबंधों/प्रकार्यों को स्पष्ट लेबलों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है,
जैसे : कर्ता, कर्म आदि।
·
यह ‘default
inheritance’ का प्रयोग करता है, जो आधारभूत
और अंतर्निहित प्रतिमानों, तथा ‘अपवादों
या रूपांतरणों’ के बीच विरोधाभास को सरलता से ज्ञात कर लेता
है।
·
यह क्लासिक कोटियों के
बजाए prototypes
का प्रयोग करता है, जिन्हें आवश्यक और
पर्याप्त conditions द्वारा परिभाषित किया जा सकता है।
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