संकटापन्न भाषाएँ (Endangered Languages)
भाषा
विस्थापन के कारण कुछ भाषाओं के संदर्भ में यह स्थिति देखने को मिलती है कि उसका
प्रयोग करने वालों की संख्या बहुत कम रह जाती है। साथ ही यदि उस भाषायी समाज की नई
पीढ़ी उस भाषा के बजाए किसी अन्य भाषा को
सीखने या प्रयोग करने में प्राथमिकता देती है, तो ऐसी भाषाओं को संकटापन्न भाषाएँ कहते हैं।
अतः
किसी भाषा के संकटापन्न होने के दो मुख्य पैमाने हैं-
§ प्रयोग करने वालों की संख्या बहुत कम हो।
§ उस भाषायी समाज की नई पीढ़ी द्वारा उस भाषा के बजाए किसी अन्य
भाषा को सीखना या प्रयोग करना।
चूँकि
ऐसी भाषा के विलुप्त होने होने का संकट उत्पन्न हो जाता है, इसलिए ऐसी भाषाओं को संकटापन्न भाषाएँ कहते
हैं।
संकटापन्न
भाषाओं के प्रकार- संकटापन्न भाषाओं को मुख्यतः चार वर्गों में बाँटा जाता है-
§ संवेदनशील (Vulnerable)
§ निश्चित संकटापन्न (Definitely
endangered)
§ अति-संकटापन्न (Severely
endangered)
§ गंभीर संकटापन्न (Critically
endangered)
कुछ
संकटापन्न भाषाएँ-
विकिपेडिया
पर कुछ संकटापन्न भाषाओं की सूची इस प्रकार से दी गई है-
India
The following table lists the 191 languages of India that are
classified as vulnerable or endangered.
India |
|||
Language |
Status |
Comments |
ISO 639-3 |
Severely endangered[1] |
|
aot |
|
Vulnerable[1] |
Also spoken in:
China |
adi |
|
Critically
endangered[1] |
|
aim |
|
Severely endangered[1] |
|
aio |
|
Vulnerable[1] |
|
anm |
|
Vulnerable[1] |
|
njm |
|
Vulnerable[1] |
Also spoken in:
Nepal |
anp |
|
Vulnerable[1] |
|
ngo |
भारत
की संकटापन्न भाषाओं को https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_endangered_languages_in_India पर जाकर विस्तार से
देखा जा सकता है।
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