पाइथन में अपना Function बनाना
किसी भी प्रोग्राम के लेखन में Functions की भूमिका केंद्रीय होती है। इनके माध्यम से ही हम
भिन्न-भिन्न प्रकार के डाटा पर विविध कार्यों को करने के लिए कंट्रोल को निर्देशित
कर पाते हैं। वैसे तो पाइथन या किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बहुत सारे built-in
functions होते हैं, किंतु अपने प्रोग्राम की
प्रकृति के अनुसार हमें अपने स्वयं के functions बनाने की
आवश्यकता भी पड़ती है। लगभग सभी उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाएँ functions बनाने की सुविधा प्रदान करती हैं। पाइथन में भी अपने फंक्शन बनाए जा सकते
हैं। इसके लिए def keyword का प्रयोग किया जाता है।
फंक्शन बनाने के लिए निम्नलिखित प्रकार से कोड करना चाहिए-
def my_function():
function-suite
return
<expression>
किसी भी function का block colon (:) से आरंभ होता
है। पाइथन में indentation के महत्व से आप परिचित हैं। इसलिए
फंक्शन में indentation का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
किसी function में कितने भी parameters हो सकते हैं, किंतु function calling के समय भी सभी का प्रयोग
आवश्यक है।
Function calling
किसी function का निर्माण करने के बाद उसमें लिखा हुआ कोड function calling द्वारा
कितनी भी बार प्रयोग में लाया जा सकता है। किसी Function का
निर्माण कर लेने के बाद दूसरी जगह उसका प्रयोग करने के लिए टाइटल (या नाम) और आगे
छोटे कोष्ठक में parameters लिखना ही Function
calling कहलाता है। यदि parameters न हों खाली
छोटा कोष्ठक का प्रयोग किया जाता है। इससे उस Function में
लिखा हुआ कोड रन हो जाता है।
function निर्माण और function calling को निम्नलिखित उदाहरण से समझ सकते हैं-
parameters के साथ function निर्माण और function calling को इस प्रकार देख सकते
हैं-
इसमें फंक्शन का नाम calculate है तथा ‘a और b’ इसके parameters हैं।
Function और arguments
Function calling के समय parameters के लिए जो मूल्य pass किए जाते हैं, उन्हें arguments कहते हैं। इनके कई प्रकार होते
हैं, जिन्हें मुख्यतः 04 वर्गों में बाँटा जा सकता है-
· Required arguments
· Keyword arguments
· Default arguments
· Variable-length arguments
इनकी यहाँ विस्तृत चर्चा नहीं की जा
रही है।
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