विकारी और अविकारी शब्दवर्ग या शब्द भेद
'शब्द और पद' या 'पद संरचना और रूप संरचना' के
अंतर्गत चर्चा करते हुए एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि शब्द या पद के अंतर्गत दो
प्रकार की शाब्दिक इकाइयाँ आती हैं- शब्द और शब्दरूप।
शब्दरूप (word forms/inflected words) से तात्पर्य व्याकरणिक
कोटि के आधार पर बनने वाले शब्दों के रूपों से है। इन्हें संक्षेप में इस प्रकार
से देख सकते हैं-
शब्द
रूप
किसी भी भाषा में
सभी शब्दों के शब्दरूप नहीं बनते। अतः जिन शब्दों के शब्दरूप बनते हैं, उन्हें विकारी के अंतर्गत रखते हैं, तथा जिनके रूप
नहीं बनते हैं, उन्हें अविकारी कहते हैं।
शब्दभेदों के पश्चिमी
वर्गीकरण को देखा जाए तो वहां पर आठ प्रकार के शब्दभेदों (Parts
of Speech) की बात की जाती है। उनमें से निम्नलिखित 04 विकारी शब्दभेद या शब्दवर्ग के अंतर्गत आते हैं-
संज्ञा
सर्वनाम
क्रिया
विशेषण
इनके अलावा कुछ
अन्य शब्दों में भी विशेष परिस्थितियों में विकार होता है, किंतु
फिर भी शेष चारों को अविकारी शब्दभेद के अंतर्गत रखा जाता है, जो इस प्रकार हैं-
क्रिया विशेषण
संबंधबोधक
(पूर्वसर्ग/ परसर्ग)
समुच्चयबोधक
विस्मयादिबोधक
किसी भी भाषा की 'रूप संरचना या पद संरचना' के अंतर्गत उपर्युक्त
चारों विकारी शब्दभेदों की पद संरचना या रूप संरचना की बात की जाती है।
यहां ध्यान रखने वाली बात
है कि विकारी शब्दभेदों के सभी शब्दों के शब्दरूप नहीं बनाए जाते। यह बात उन
शब्दों की रूप संरचना या पद संरचना का वर्णन करते हुए बताई जाती है। इसे हम
संबंधित
शीर्षकों के अंतर्गत जाकर देख सकते हैं।
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