वाक्य संरचना तथा उपवाक्य
संरचना
भाषा
संरचना के स्तरों में उपवाक्य की बात की
जाती है जो पदबंध से बड़ी किंतु वाक्य से छोटी इकाई है। इसे निम्नलिखित प्रकार से
परिभाषित कर सकते हैं-
"उपवाक्य वह वाक्य
स्तरीय भाषिक इकाई है, जो अपने से बड़े वाक्य का अंग होती
है।"
चूँकि उपवाक्य अपने आप
में वाक्य ही होता है, अतः उसमें वाक्य की तरह
‘उद्देश्य और विधेय’ भी होते हैं। कभी-कभी
किसी उपवाक्य में कोई घटक अनुक्त या छुपा हुआ हो सकता है।
इस प्रकार उपवाक्य को
दूसरे शब्दों में निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं-
"असरल वाक्यों
(संयुक्त और मिश्र वाक्यों) में आने वाले वाक्य स्तर के भाग (या अंश) उपवाक्य
कहलाते हैं।"
उपवाक्य सरल
वाक्य ही होते हैं, लेकिन वे आपस में जुड़कर बड़े वाक्य का
निर्माण करते हैं। इन्हें निम्नलिखित उदाहरणों के
माध्यम से अच्छे से समझ सकते हैं-
· वह लड़का बाहर बैठा है जो कल आया था। => (मिश्र
वाक्य) => दो उपवाक्य
· मैंने कहा कि तुम घर जाओ। => (मिश्र वाक्य) =>
दो उपवाक्य
· आज भारत मैच जीतेगा या वर्ल्ड कप से बाहर हो
जाएगा।=> (संयुक्त वाक्य) => दो उपवाक्य
उपवाक्य के
प्रकार
उपवाक्य के दो प्रकार किए
गए हैं- मुख्य उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य। इन्हें संक्षेप में इस प्रकार समझ सकते
हैं-
(1) मुख्य उपवाक्य
: किसी असरल वाक्य का वह उपवाक्य जिसके अर्थ को समझने के लिए दूसरे
संबंधित उपवाक्य के अर्थ को समझने की आवश्यकता नहीं होती, मुख्य
उपवाक्य कहलाता है। अर्थात मुख्य उपवाक्य असरल वाक्य
का वह अंश होता है जो वाक्य
के मूल अंश का कार्य करता है, जैसे-
· मैंने कहा कि आज रमेश घर जाएगा।
इस वाक्य में
‘मैंने कहा’ मुख्य उपवाक्य है। यदि इसमें
‘कहा’ के बाद पूर्ण विराम लगा दिया जाए,
तो भी यह वाक्य पूर्ण और संप्रेषणीय है। 'कहा'
के बाद आया हुआ घटक यह बताने के लिए आया है कि 'मैंने क्या कहा'। अतः बाद में आया हुआ उपवाक्य कहने
पर आश्रित है।
मिश्र वाक्य में
मुख्य उपवाक्य सदैव केंद्रीय होता है तथा संयुक्त वाक्यों की रचना एक से अधिक मुख्य
उपवाक्यों से होती है।
(2) आश्रित उपवाक्य
: ऐसा उपवाक्य जिसके अर्थ या संदर्भ को समझने के लिए दूसरे उपवाक्य
का बोध आवश्यक होता है, आश्रित उपवाक्य कहलाता है, जैसे-
‘मैंने कहा कि तुम घर
जाओ’
इस वाक्य में
‘कि तुम घर जाओ’ आश्रित उपवाक्य है, क्योंकि इस बात के द्वारा अभिव्यक्त अर्थ मुख्य उपवाक्य में आई हुई क्रिया
'कहना' के कर्म की पूर्ति कर रहा है।
इसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं-
मैंने क्या कहा?
यदि इस प्रश्न का
उत्तर उपर्युक्त वाक्य से निकालना हो तो हम कहेंगे 'कि तुम
घर जाओ'। अतः 'कि तुम घर जाओ' उपवाक्य से अभिव्यक्त सूचना कहने पर ही आश्रित है। इसी कारण यह आश्रित
उपवाक्य कहलाता है।
इसी प्रकार
‘वह लड़का बाहर बैठा है जो कल आया था’ वाक्य
में ‘वह लड़का बाहर बैठा है’ मुख्य
उपवाक्य है जबकि ‘जो कल आया था’ आश्रित
उपवाक्य है। इसका कारण है कि ‘जो कल आया था’ द्वारा मुख्य उपवाक्य के 'वह लड़का' पदबंध के बारे में सूचना दी जा रही है।
आश्रित उपवाक्य मुख्य
उपवाक्य में किसी न किसी घटक का प्रकार्य संपन्न करते हैं। इसे ही ध्यान में रखते
हुए उनके द्वारा संपन्न किए जाने वाले प्रकार्य के आधार पर इनके के तीन प्रकार किए
गए हैं-
(क) संज्ञा उपवाक्य
: वे आश्रित उपवाक्य जो मुख्य उपवाक्य में संज्ञा का प्रकार्य
संपन्न करते हैं, संज्ञा उपवाक्य कहलाते हैं। ये सामान्यतः
मुख्य उपवाक्य में ‘कर्ता’ और ‘कर्म’ के स्थान पर आने की क्षमता रखते हैं, जैसे-
मैंने पूछा कि तुम्हारा
नाम क्या है
इस वाक्य में 'तुम्हारा नाम क्या है' संज्ञा उपवाक्य है, जो 'पूछना' क्रिया के कर्म का
काम कर रहा है। इसे मुख्य उपवाक्य में स्थानांतरित करते हुए वाक्य को ‘मैंने तुम्हारा नाम पूछा’ के रूप में भी लिखा जा
सकता है।
(ख) विशेषण उपवाक्य
: वे उपवाक्य जो मुख्य उपवाक्य में
विशेषण के स्थान पर प्रयुक्त होने की क्षमता रखते हैं, विशेषण
उपवाक्य कहलाते हैं, जैसे-
वह लड़का बहुत बीमार है
जो कल बारिश में भीग गया था
इस वाक्य में 'जो कल भीग गया था' विशेषण उपवाक्य है, जो मुख्य उपवाक्य में 'वह लड़का' के बारे में सूचना दे रहा है।
(ग) क्रियाविशेषण
उपवाक्य : वे उपवाक्य जो मुख्य
उपवाक्य में क्रियाविशेषण का कार्य करते हैं, क्रियाविशेषण
उपवाक्य कहलाते हैं, जैसे-
जैसे ही मैं कोई अच्छा
काम शुरू करता हूं तुम आ जाते हो
इस वाक्य में 'जैसे ही मैं कोई अच्छा काम शुरू करता हूं' 'क्रियाविशेषण
उपवाक्य' है, क्योंकि इसके द्वारा 'तुम आ जाते हो' के समय की सूचना दी जा रही है।
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